नगर के बीचों-बीच शराब दुकान बनी सिरदर्द, जनआंदोलन की तैयारी

सक्ती – सक्ती नगर के मुख्य सड़क से सटी हुई शराब दुकान आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गई है। नगर के बीचों-बीच स्थित इस दुकान को हटाने की लगातार मांग की जा रही है, परंतु जिम्मेदार अधिकारी अब तक मौन हैं। आबकारी विभाग पर मिलीभगत और लेनदेन के गंभीर आरोप लग रहे हैं और लगातार अधिकारियों को शिकायत समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिल रही है उसके बाद भी अधिकारियों की चुप्पी सवालिया निशान खड़े कर रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शराब दुकान के सामने अवैध चखना दुकानों की भरमार हो गई है, जिससे माहौल असुरक्षित होता जा रहा है। सड़क पर महिलाओं और स्कूली बच्चों का निकलना दूभर हो गया है। राहगीरों के लिए यह क्षेत्र अब खतरे से खाली नहीं रहा। क्षेत्र में कभी भी कोई बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है। विरोध के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब नागरिकों ने जनआंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि जब तक इस शराब दुकान को आबादी क्षेत्र से हटाया नहीं जाएगा, तब तक चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। प्रश्न उठता है कि आबकारी विभाग आखिर चुप क्यों है? लगातार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न होना इस बात की ओर इशारा करता है कि विभाग और शराब माफियाओं के बीच गहरी सांठगांठ चल रही है। लोगों का आरोप है कि पैसों के खेल के चलते अधिकारी जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं।
नगर के जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे तत्काल संज्ञान लेकर इस समस्या का स्थायी समाधान करें, ताकि आमजन को राहत मिले और शहर का माहौल सुरक्षित बना रहे।