चुनाव में गुटों में बट चुके समर्थकों को एकजुट करना कांग्रेस एवं भाजपा के लिए बनी सबसे बड़ी चुनौती

सक्ती विधानसभा से 14 लोगों का नाम फाइनल
सक्ती। विधानसभा चुनाव को अब महज 14 दिन ही शेष बच गये है सभी पार्टियां अपने वोट बैंकों को सहेजने में लगे है किंतु इन सबके बीच कांग्रेसियों तथा भाजपा भाजपा की आपसी अंतर्कलह की चर्चाएं खुलकर सामने आ रही है। जानकारों की माने तो कांग्रेस जिलाध्यक्ष के होते हुए कई गुटों में बंटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कसमकस की स्थिति है। इधर विधानसभा चुनाव में कुछ ही वक्त बाकी रह गया है और उधर राजनैतिक गलियारों में मिला-जुला शोर सुनाई दे रहा है कभी कांग्रेस एवं भाजपा में कांटे की टक्कर तो वहीं दोनों पार्टियों से क्षुब्द वोटरों का मुखर विरोध भी होता दिखाई दे रहा है। धरातल पर चित्र तो इस बात का भी देखा जा रहा है कि, कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं समर्थकों का अलग-अलग गुटों में चुनाव प्रचार करना क्या इस बात का संकेत नहीं कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष एवं कार्यकर्ताओं समर्थकों में मतभेद है। क्षेत्रीय मतदाता सवाल सिर्फ कांग्रेस से ही नहीं भाजपा से भी कर रहें हैं। कांग्रेस गुटों में बंटी तो भाजपा कार्यकर्ताओं का अंदाजा ही निराला दिखाई दे रहा है। भाजपा के क्षेत्रीय प्रत्याशी खिलावन साहू के साथ प्रचार-प्रसार में निकलने वाले कार्यकर्ता गले में बतौर गमछा डाले घूम रहे है। किन्तु चौक-चौराहों में चर्चा इस बात की भी है कि गमछा भाजपा का मन कहीं और है । रोचक होने वाले विधानसभा चुनाव का कुछ कही कुछ अनकही बातों का निचोड़ तो यह भी निकलता है कि कांग्रेस भाजपा दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों एवं कार्यकर्ताओं की सांसे फुल जाएगी ।