सक्ती

शिशु मंदिर पोरथा में भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर रुक्मणि विवाह हुआ संपन्न

महिलाएं आंचल संभाल कर रखें तो वहीं पुरुष आचरण संभाल कर रखें …आचार्य राजेंद्र महाराज

सक्ती ‌। महिलाएं आंचल संभाल कर रखें तो वहीं पुरुष आचरण संभाल कर रखें यह बात व्यास पीठ से आचार्य राजेंद्र महाराज ने श्रीमद भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर कहा। आज रुक्मणि विवाह की कथा के बाद चैतन्य झांकियों के साथ भगवान का रुक्मणि के भव्य विवाह संपन्न हुआ।
सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय पोरथा एवम भागवत प्रवाह अध्यात्मिक सेवा संस्थान छत्तीसगढ़ के सायुज्य में आयोजित भागवत कथा के षष्ठम दिवस पर उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल, सरपंच मधु श्याम राठौर के साथ ही सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय परिवार व महिलाओं की भारी उपस्थिति आयोजन को भव्यता प्रदान कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि अकिंचन भागवत के इस सामूहिक आयोजन में पोरथा ग्राम के घर घर से लोग अपने स्मृतिषेष परिजनों के तस्वीरों के साथ कथा पंडाल में पूरे भाव के साथ कथा श्रवण के लिए उमड़ रहे हैं तथा कथा पंडाल में भारत माता व छत्तीसगढ़ महतारी की झांकी के साथ भारत माता की भव्य आरती राष्ट्रीय भाव का एक विशिष्ट छाप छोड़ रही है जिससे अंचल में भागवत कथा के इतिहास में सामाजिक समरसता की एक नई इबारत लिखी जा रही है । लगता है भविष्य में भागवत कथाओं का आयोजन व्यक्तिगत रूप से करने के बजाय सामूहिक रूप से करने की परंपरा बन सकती है जिसके लिए सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय परिवार के साथ भागवत प्रवाह का सामूहिक प्रयास काबिल ए तारीफ है।