सक्ती

आर इ एस को राशि देने में आनाकानी कर रहा है जनपद पंचायत विभाग

आकस्मिक निधि व्यय एवं कार्यभारित स्थापना के लिए राशि का होना है बंटवारा

सक्ती‌। जनपद पंचायत सक्ती एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के मध्य आकस्मिक निधि व्यय एवं कार्यभारित स्थापना के लिए उपलब्ध राशि के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है जहां इस संबंध में जनपद पंचायत की मनमानी चरम पर है वही कई लाख रुपए अपने हक का प्राप्त करने के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को पत्र के ऊपर पत्र भेजना पड़ रहा है ज्ञात हो कि वर्तमान समय में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के स्टेशनरी से लेकर अन्य खर्च हेतु अतिरिक्त राशि प्राप्त नहीं होती वही छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा यह व्यवस्था की गई है कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से क्रियान्वित किए जाने वाले निर्माण कार्य के प्राक्कलन में प्रावधानित आकस्मिक व्यय एवं कार्यभारित स्थापना के उपयोग के लिए ग्राम पंचायत जनपद पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के मध्य राशि का बंटवारा नियम के तहत किया जाए इस आशय का पत्र छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जुलाई 2020 में पत्र प्रेषित की गई थी जिसका अनुपालन आज पर्यंत तक नहीं हो पा रहा है ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधिकारियों की माने तो प्रत्येक वर्ष जनपद पंचायत में करोड़ों रुपए का विकास कार्य हो रहा है जिसमें से आकस्मिक एवं कार्यभारित स्थापना के उपयोग के लिए ग्राम पंचायत जनपद पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के मध्य राशि का बंटवारा किया जाना है जिस पर अनावश्यक देरी हो रही है ज्ञात हो कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के पास अतिरिक्त राशि नहीं होने के कारण विभाग को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

आर इ एस को राशि देने में आनाकानी कर रहा है जनपद पंचायत विभाग kshititech

उधार के बिल्डिंग एवं फर्नीचर से चल रहा है काम

ज्ञात हो कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को आकस्मिक व्यय एवं कार्यभारित स्थापना से प्राप्त होने वाली राशि नहीं मिलने से विभागीय कार्यों में असर पड़ रहा है वहीं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग प्रारंभ से ही जल संसाधन विभाग के कार्यालय एवं उन्हीं के द्वारा कार्यालय में छोड़े गए फर्नीचर से ही अपना काम चला रहे हैं अगर विभाग को आकस्मिक व्यय एवं कार्यभारित स्थापना के उपयोग के लिए राशि प्राप्त हो जाए तो उन्हें बिल्डिंग निर्माण के साथ-साथ स्टेशनरी तथा अन्य खर्च के लिए इधर उधर हाथ फैलाना नहीं पड़ेगा

जनपद पंचायत के अधीन है भारी-भरकम राशि

जनपद पंचायत सक्ती अंतर्गत 73 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक वर्ष कई करोड़ रुपयों के निर्माण कार्य कराए जाते हैं इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीते वर्षों में करोड़ों की लागत से अगर निर्माण कार्य हुए हैं तो इसमें डेढ़ परसेंट की राशि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग को प्राप्त होती तो इसका आंकड़ा कई लाख तक जा सकता है जानकारों की माने तो यह राशि करोड़ रुपये तक भी हो सकती है सबसे खास बात यह है कि उक्त जमा बड़ी राशि जनपद पंचायत के पास ही रहता है जनपद पंचायत विभाग के द्वारा उक्त राशि का बंटवारा क्यों नहीं किया जा रहा है यह समझ से परे है

प्राप्त राशि आखिर किस मद में खर्च कर रहा है जनपद पंचायत

बताया जाता है कि आकस्मिक व्यय एवं कार्यभारित स्थापना की राशि से अगर जनपद पंचायत का कायाकल्प किया जाता तो जनपद पंचायत में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो जाती है लेकिन उक्त राशि को जनपद पंचायत किस मद में खर्च कर रहा है इसे लेकर भी कई तरह के सवाल उठने लगे हैं कुछ जनप्रतिनिधियों का मानना है कि उक्त राशि को लेकर किसी के द्वारा जानकारी नहीं लेने से जनपद पंचायत में पदस्थ अधिकारी कहीं इसका बंदरबांट तो नहीं कर रहे हैं

कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग ने दिया पत्र

ज्ञात हो कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग सक्ती को कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग जांजगीर-चांपा द्वारा पत्र देकर उक्त मामले पर जवाब देने को कहा है जिस पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अनुविभागीय अधिकारी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सक्ती को पत्र लिखकर आकस्मिक व्यय एवं कार्यभारित स्थापना की राशि के बंटवारे के संबंध में अग्रिम कार्रवाई करने पत्र लिखा है जिस पर भी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा किसी तरह की अग्रिम कार्रवाई नहीं की जा रही है

गले की फांस बना छत्तीसगढ़ शासन से प्राप्त पत्र

लंबे समय से आकस्मिक व्यय एवं कार्यभारित स्थापना की राशि का बंटवारा नहीं होने से जहां ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग का कार्य प्रभावित हो रहा है वही छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं विकास विभाग द्वारा जारी पत्र अब जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गले की फांस बन रहा है।