तुर्रीधाम में उमड़ा आस्था का सैलाब
सावन के दूसरे सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने किए भोलेनाथ के दर्शन

सक्ती – सक्ती से लगे पवित्र धार्मिक स्थल तुर्रीधाम में आज सावन सोमवार के पावन अवसर पर श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह होते ही क्षेत्र के प्रमुख शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। हर-हर महादेव और बोल बम के जयकारों से संपूर्ण क्षेत्र गूंज उठा। सावन के दूसरे सोमवार को भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए दूर-दूर से कावड़ लेकर श्रद्धालु तुर्रीधाम पहुंचे। पारंपरिक वेशभूषा में सजे कावड़िए नाचते-गाते भोलेनाथ की भक्ति में लीन नजर आए। भक्तों ने बेलपत्र, जल, दूध और फल अर्पित कर भगवान शिव से परिवार की सुख-शांति की कामना की।
धार्मिक उत्साह चरम पर
मंदिरों में रौनक बनी रही। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन द्वारा विशेष तैयारियां की गई थीं, लेकिन भक्तों की संख्या अनुमान से कहीं अधिक रही। जगह-जगह भंडारा, जल सेवा और अचानकपुर में निस्वार्थ सेवाभाव से भीम ने लाल चाय की व्यवस्था सभी शिव भक्तों के लिए पूरी रात की , जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया।
कांवड़ यात्रा बनी आस्था का प्रतीक
सावन के महीने में कांवड़ यात्रा शिवभक्ति का प्रमुख रूप है। कावड़िए कई किलोमीटर पैदल चलकर जल लेकर तुर्रीधाम पहुंचते हैं और शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। यह यात्रा आस्था, आत्मसंयम और विश्वास की प्रतीक मानी जाती है। सावन के इस पवित्र सोमवार को तुर्रीधाम में दिखी श्रद्धा की बेमिसाल छवि – जहां आस्था ने हर दूरी को पार कर भगवान शिव के चरणों में समर्पित होने का संदेश दिया।