सक्ती

विधायक बनाने कन्हैया की किस्मत खटखटा रही दरवाजा- रायपुर दक्षिण विधानसभा के हो सकते हैं उप चुनाव

बृजमोहन को भाजपा ने बनाया रायपुर लोकसभा का उम्मीदवार

सक्ती – आने वाले महीनो में छत्तीसगढ़ प्रदेश की रायपुर दक्षिण विधानसभा के उप चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है, इसका प्रमुख कारण 2 मार्च को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए रायपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी के रूप में वर्तमान रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, तथा बृजमोहन अग्रवाल आठ बार विधानसभा के विधायक रह चुके हैं तथा उनकी वरिष्ठता को देखते हुए भाजपा केंद्रीय राजनीति में उनका उपयोग करना चाहती है, एवं आगामी लोकसभा के चुनाव में जिस तरह से पूरे देश में मोदी लहर चलने की संभावना है, तो वहीं रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से भी बृजमोहन अग्रवाल के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सीट खाली होगी, तथा इस सीट पर कांग्रेस पार्टी से साल 2018 में कन्हैया अग्रवाल रायपुर ने चुनाव लड़ा था, किंतु कन्हैया अग्रवाल महज कुछ हजार वोटो से ही पीछे रह गए थे
तथा उन्होंने 2018 से 2023 तक रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में जमकर मेहनत की, किंतु कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर महंत रामसुंदरदास को टिकट दे दिया तथा महंत राम सुंदर दास बतौर कांग्रेस प्रत्याशी रिकॉर्ड वोटो से हार गए तथा उन्होंने हारने के बाद कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया तथा रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल ने पूरे प्रदेश में सर्वाधिक वोटो से जीत दर्ज की, किंतु अब लोकसभा चुनाव को देखते हुए रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को फिर से अपने योग्य विधायक की तलाश जारी हो गई है, तथा क्षेत्र के मतदाताओं का अब कहना है कि अब हम हमारे सुख-दुख में सदैव साथ रहने वाले कन्हैया अग्रवाल को ही विधायक बनायगे एवं भले ही कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट न दे, किंतु कन्हैया अग्रवाल को हम आग्रह कर उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए अपनी गारंटी के दम पर उन्हें तैयार करेंगे, वहीं कन्हैया अग्रवाल भी 2 मार्च को रायपुर लोकसभा के उम्मीदवारों की घोषणा होने के बाद फिर से रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की जनता तथा मतदाताओं के प्रति अपने दशकों से चले आ रहे संबंध को और प्रगाढ़ बनाने के लिए चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं, तथा राजनीतिक सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि दिसंबर माह में छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से उन्हें भाजपा प्रवेश करने का ऑफर भी किया गया था, किंतु कन्हैया अग्रवाल ऐसे किसी भी प्रवेश संबंधी बातों पर चुप्पी साधे हुए थे, किंतु इन्हें इस बात की पीड़ा जरूर थी कि रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में साल 2023 में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसका खामियाजा कहीं ना कहीं कांग्रेस को भुगतना पड़ा
वहीं कन्हैया अग्रवाल के राजनीति के साथ-साथ वे पूरे क्षेत्र में एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता तथा सुख-दुख में सभी के साथ खड़े रहते हैं, उन्होंने तत्कालीन डॉ रमन सिंह की सरकार में सुंदर नगर टोल प्लाजा, इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला सहित तत्कालीन रमन सरकार के खिलाफ जनहित के मुद्दों पर हमेशा अपना आक्रामक रवैया अपनाए रखा, तथा साल 2018 से 2023 तक कांग्रेस की भी सरकार में उन्होंने स्वयं प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री रहते हुए भी जनता के मुद्दों पर कांग्रेस से भी जमकर विरोध किया तथा कन्हैया अग्रवाल की पहचान एक जन सेवक के रूप में है, एवं वे छत्तीसगढ़ प्रदेश की विभिन्न स्वयंसेवी,सामाजिक, व्यापारिक संस्थाओ से जुड़कर काम कर रहे हैं, तथा पूरे प्रदेश में उनके लाखों की संख्या में समर्थक हैं, जो उनकी एक आवाज पर उनके साथ खड़े हुए हैं,तथा अब देखना है कि कन्हैया अग्रवाल आने वाले महीनो में संभावित रायपुर दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव में क्या फिर से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।