रेलवे स्टेशन सक्ती कार्यप्रणाली से आम जनता भ्रमित एवं परेशान



रेलवे प्रबंधन की लापरवाही के चलते रेलयात्री कोच डिस्प्ले के चलते होते हैं भ्रमित 26 जुलाई शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन का मामला
सक्ती रेलवे स्टेशन (SKT) में 24 जुलाई को स्थानीय रेल्वे प्रशासन की बड़ी लापरवाही की । प्लेटफार्म नंबर- 2 पर आ रही थी मेल एक्सप्रेस किंतु एलाऊंस किया जा रहा था कुर्ला एक्सप्रेस का,
सक्ती रेलवे स्टेशन का कोच डिस्प्ले ट्रेन छूटने के बाद भी घंटो तक उसी ट्रेन की देता है जानकारी
बारिश के समय प्लेटफार्म के टीन शेड के नीचे भी टपकते पानी में ही यात्रियों को करना पड़ता है ट्रेन का इंतजार
सक्ती । सक्ती रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-01 एवं प्लेटफार्म नंबर-02 पर यात्रियों की बहुप्रतीक्षित मांग के बाद रेलवे प्रशासन द्वारा विगत महीनों कोच डिस्प्ले लगा तो दिया गया है, किंतु विडंबना यह है कि सक्ती रेलवे स्टेशन का यह कोच डिस्प्ले यात्रियों के लिए उल्टा परेशानी का सबब बन गया है।
इसी क्रम में 26 जुलाई 2022 की रात्रि के दरमियान शालीमार एक्सप्रेस 18029 के समय में स्टेशन मास्टर के द्वारा यात्रियों को कोच की गलत जानकारी दी गई , एसी कोच बताया आगे आएगा लेकिन आया पीछे, किसी तरह यात्री एवं सीनियर सिटीजन सामानों के साथ दौड़ भाग कर पीछे गए लेकिन डिस्प्ले कोच में b3 के जगह आया b7 कोच जिससे यात्रियों को बेहद परेशानियां हुई तथा स्टेशन मास्टर के पास जाकर शिकायत पुस्तिका मांगने पर स्टेशन मास्टर के द्वारा गोलमोल जवाब देकर शिकायत पुस्तिका भी नहीं दी ।
अनेकों मर्तबा स्थानीय रेलवे स्टेशन प्रबंधन की लापरवाही के चलते ट्रेनों के प्लेटफार्म पर आने के बावजूद कोच डिस्प्ले में प्रदर्शित नहीं किया जाता तो वहीं कई बार ऐसा होता है कि ट्रेन प्लेटफार्म से आकर गंतव्य की ओर रवाना हो जाती है, किंतु इसके बावजूद रेलवे प्रशासन द्वारा कोच डिस्प्ले को चालू करने के बाद उसे बंद करने की फुर्सत नहीं है, जिसके चलते आने वाली अगली यात्री ट्रेन तक पुरानी ट्रेन का ही डिस्प्ले बताता रहता है, जिसके चलते कई बार रेल यात्रियों को भ्रमित होना पड़ता है कि ट्रेन गई है या नहीं गई है, किंतु सक्ती रेलवे स्टेशन के प्रशासन को इस बात से कोई लेना- देना नहीं है,अनेकों बार स्थानीय रेलवे प्रबंधन को इसकी जानकारी देने के बावजूद ना जाने क्यों सक्ती रेलवे स्टेशन के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का तत्परता के साथ निर्वहन नहीं करते,जिसके चलते कोच डिस्पले चालू करने के बाद ट्रेन छूटते ही तत्काल कोच डिस्प्ले में उपरोक्त ट्रेन प्रदर्शित नहीं होनी चाहिए तथा प्लेटफार्म पर जो अलग-अलग डिस्प्ले खंबे होते हैं उसमें भी कोच के नंबर एवं ट्रेन के नंबर की जानकारी प्रदर्शित होती रहती है।
24 जुलाई को तो रेलवे प्रशासन ने हद ही कर दी, 24 जुलाई की सुबह नाइट एक्सप्रेस 8030 सुबह करीब 06 बजे बिलासपुर की ओर रवाना हुई,तथा उसके निकलने के बाद जब करीब 7:00 बजे हावड़ा मुंबई मेल एक्सप्रेस के आने का समय हुआ तो उसके बावजूद कोच डिस्प्ले में 8030 ही प्रदर्शित किया जा रहा था, तथा रेलवे के एलाउंसमेंट सिस्टम में भी 8030 ही आने की जानकारी दी जा रही थी, बाद में जब रेल यात्रियों ने इसका विरोध करते हुए रेलवे प्रशासन को अवगत कराया तब कहीं जाकर रेलवे की नींद खुली और उसने एलाउंसमेंट सिस्टम में 8030 बदलकर हावड़ा मुंबई मेल एक्सप्रेस के आने की जानकारी दी गई , आम जनता इस प्रकार की कार्यप्रणाली पर कार्यवाही चाहती है ।
वही सक्ती रेलवे स्टेशन में देखा जाए तो रेल यात्री सुविधाओं के नाम में यात्री ठगे जा रहे हैं,यात्रियों को किसी भी प्रकार की रेलवे प्रशासन की मंशानुरूप सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है,तथा यात्री अनेकों बार जनप्रतिनिधियों एवं स्वयं के माध्यम से रेलवे प्रशासन को अपनी इन परेशानियों से अवगत कराते हैं किंतु रेल यात्रियों की सुनने वाला कोई नहीं है, वहीं दूसरी ओर सक्ती रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक एवं दो में जहां बारिश के चलते शेड के नीचे भी जगह-जगह बारिश का पानी टपकता रहता है, तो वहीं रेल यात्रियों को बैठने भी भी काफी परेशानियां होती है, साथ ही रेलवे प्रशासन द्वारा सुबह के समय तो पंखे भी चालू नहीं किए जाते, जिसके चलते प्लेटफार्म पर इंतजार करने वाले रेल यात्री किस स्थिति में प्लेटफार्म पर बैठते हैं यह वही बता सकते हैं।
साथ ही प्लेटफार्म पर नियमित रूप से बारिश के चलते संक्रमण बीमारियों से बचाव की दिशा में भी साफ सफाई नहीं होने के चलते भी रेल यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तथा सुबह के समय तो प्लेटफार्म पर मक्खियों एवं बरसाती कीड़ों की संख्या इतनी होती है जिसके चलते लोग प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार करने में अपने आप को असहाय महसूस करते हैं, तथा रेलवे प्रशासन को चाहिए कि आजादी की 75 वा अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर रेलवे प्रशासन स्वच्छता की बात कहता है,किंतु सक्ती रेलवे स्टेशन में इन सभी से प्रबंधन को कोई सरोकार नजर नहीं आता।