तप, त्याग व साधना के कठिन परीक्षा से गुजरने बाद बक्कलधरी साधु बनते हैं – देवानंद बाबा

महिमा अलेख संप्रदाय के बक्कलधारी साधु देवानंद बाबा का अधिवक्ता चितरंजय पटेल निवास में हुआ भव्य स्वागत
सक्ती । अलेख महिमा संप्रदाय के साधु परंपरा के संवाहक बक्कलधारी साधु देवानंद बाबा का उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय सिंह पटेल के ऑफिसर्स कॉलोनी निवास में पदार्पण हुआ।
ग्राम जगमहन में अलेख महिमा यज्ञ समापन पश्चात सन्यासी बाबा देवानंद ने अपने साथियों सहित पटेल परिवार का आतिथ्य स्वीकार कर भोग प्रसाद ग्रहण किया।
गौर तलब है कि अलेख महिमा के बक्कलधारी साधु वृक्ष के छाल का वस्त्र सिर्फ कमर में धारण करते हैं वह भी हमेशा हर मौसम में मात्र सिर्फ बक्कल (वृक्ष छाल वस्त्र) ही धारण करते हैं । साथ ही किसी भी गांव में एक रात से ज्यादा नहीं ठहरते हैं, सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करते हैं तथा बिना छत के खुले में भोजन ग्रहण करते है और विश्राम करते हैं । इस प्रकार कठिन साधनाओं से जीवन जीने वाले महिमा अलेख साधु तपस्वी बाबा देवानंद की सेवा कर पटेल परिवार उत्साह के साथ उन्हें दक्षिणा आदि भेंट कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।
पश्चात साधु देवानंद बाबा साथियों सहित अगले पड़ाव के लिए ग्राम रगजा के लिए प्रस्थान किए।
ज्ञात हो कि महिमा अलेख संप्रदाय का गादी/गद्दी (मुख्यालय) जोरोंडा उड़ीसा में स्थापित हैं जहां महिमा अलेख के साधकों को उनके तप, त्याग साधना के अनुसार योग्य पाए जाने पर बक्कल धारण कराया जाता है जिसके अनुशासन में इससे जुड़े लोग तप, साधना और यज्ञ आदि संपादित करते हैं ।