चंद्रपुर में बसपा से होंगे नोवेल वर्मा प्रत्याशी- सूत्र

मोर पैसा मोर जमा पूंजी अभियान का समर्थन और बसपा का वोट बैंक किस मोड़ ले जाता है वर्मा का भाग्य
त्रिकोणीय मुकाबला में किसे मिलेगा फायदा यह तो अब चंद्रपुर की जनता करेगी तय
सक्ती – नवीन जिला सक्ती में चुनावी मौसम का पारा काफी बढ़ चुका है, भाजपा प्रत्याशी चयन में आगे चल रही है तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने सबसे बड़े सेनापति डॉ चरणदास महंत के नाम की घोषणा कर दी है।
बता दें कि नवीन जिला सक्ती के दो विधानसभा जैजैपुर और चंद्रपुर में बहुजन समाज पार्टी काफी मजबूती से खड़ी रहती है, दो बार से जहां जैजैपुर में बसपा का कब्जा रहा है वहीं अब बसपा अपनी सीट बचाने में लगी है तो कांग्रेस और भाजपा इस सीट पर अपना कब्जा जमाने पूरी ताकत झोंक दी है। वर्तमान में भाजपा ने भी सक्ती जिले के अध्यक्ष को जैजैपुर से मैदान में उतारा है। वहीं चंद्रपुर की बात करें तो अब मुकाबला काफी रोचक होता दिख रहा है। बता दें कि गत तीन चुनाव से भाजपा ने जशपुर राज परिवार को यहां की कमान सौंप रखी है, जिसमें दो बार तो जशपुर राज घराने को सफलता हासिल हुई मगर तीसरी बार बसपा से कांग्रेस में कूदे रामकुमार यादव ने यहां अपना परचम लहराया है। वहीं बसपा जो चंद्रपुर में गत दो विस चुनाव से दूसरे पायदान पर खड़ी रही थी और जीत का स्वाद नहीं चख पा रही थी, इस बार अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, वहीं सूत्रों की मानें तो इस बार बसपा से चंद्रपुर विस क्षेत्र में पूर्व मंत्री नोवेल कुमार वर्मा चुनावी मैदान में होंगे। बता दें कि नोवेल वर्मा चंद्रपुर विस क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुकें हैं वहीं उनको दो बार राजघराने के सामने हार का भी सामना करना पड़ा है। नोवेल वर्मा वर्तमान में सक्ती में निवासरत हैं और यहां भी उनका अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। सक्ती पालिका को दो बार अध्यक्ष दे चुकें हैं तो वहीं कई मंडियों में भी उनका प्रभाव काफी रहा है। चुनावी राजनीति और समीकरण की बात करें तो नोवेल वर्मा का सक्ती जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। जैजैपुर क्षेत्र के 18 गांव ऐसे हैं जो पहले चंद्रपुर क्षेत्र में आता था जहां से श्री वर्मा हमेशा 80 से 90 प्रतिशत वोट लेते रहें हैं वहीं सक्ती में तो उनके लोग हैं ही, साथ ही चंद्रपुर क्षेत्र में बसपा का लगभग 40 हजार वोट जो तय माना जाता है वहीं नोवेल वर्मा की बात करें तो उनका स्वयं का प्रभाव वाले क्षेत्र में 20 से 25 हजार वोट बैंक माना जाता है। वहीं अब जिले में यह भी चर्चा जोरों पर है कि नोवेल वर्मा के बसपा जाने से कहीं ना कहीं कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। बता दें कि नोवेल वर्मा के पिता स्व भवानी लाल वर्मा भी मध्यप्रदेश के समय काफी कद्दावर नेता कहलाते थे वहीं नोवेल वर्मा के बड़े भाई मालखरौदा क्षेत्र में काफी प्रभाव रखते हैं। मंत्री व विधायक रहते उन्होंने भी अपना एक बड़ा प्रशंसकों का गुट बना रखा है, साथ ही चंद्रपुर विस क्षेत्र में इस बार कांग्रेस में पहले से फूट दिख रहा है और भाजपा में भी अब प्रत्याशी को लेकर कुछ कुछ जगहों पर विरोध नजर आ ही रहा है, ऐसे में बसपा के प्रत्याशी के रूप में नोवेल वर्मा भी काफी मजबूत प्रत्याशी के रूप में दिखाई पड़ रहे हैं। बता दें कि चंद्रपुर क्षेत्र में कांग्रेस, भाजपा और बसपा तीनों मजबूत हैं और लगातार बसपा का ग्राफ जिस तरह बढ़ा है उससे अब यह तय माना जा रहा है कि इस बार बसपा और नोवेल वर्मा का गठजोड़ यानी बसपा का नोवेल पर भरोसा जीत की कुंजी साबित हो सकती है, साथ ही इसका सीधा फायदा जैजैपुर बसपा प्रत्याशी को मिलेगा और सक्ती में भी बसपा मजबूत स्थिति में आएगी। जिसका पूरा और सीधा नुकसान कांग्रेस को होता दिख रहा है। चूंकि गत चुनाव में जिस तरह से रामकुमार यादव को कांग्रेस ने मैदान में उतारा था ऐसा ही कुछ कमोबेश अब यह माना जा रहा है कि गीतांजलि पटेल जो गत चुनाव में बसपा प्रत्याशी के रूप में दूसरे स्थान पर काबिज थी उन्हें कांग्रेस अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस स्थिति में चंद्रपुर का चुनाव काफी रोचक होता दिख रहा है। अब देखना है कि कांग्रेस किस पर भरोसा करती क्योंकि गत दिनों भाजपा के ओपी चौधरी ने रामकुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किया था जिसका मिला जुला असर देखने को मिला। कहीं ना कहीं सत्तासीन कांग्रेस को इसका भी नुकसान हो सकता है। वहीं बसपा का वोट बैंक बना हुआ है और कांग्रेस-भाजपा के बीच वोटों का इधर उधर होता रहता है। इस समीकरण की बात करें तो सबकी नजर में चंद्रपुर विस क्षेत्र में दांव यानी सट्टे का भी बाजार काफी गर्म रहेगा और नोवेल वर्मा के बसपा से मैदान में आते ही चुनावी पारा अपने आप में काफी गर्म हो गया है।