जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए अधिकारियों ने कसी कमर


अब तक 237 प्रसव के हुए हैं ऑपरेशन
सक्ती, 18 जुलाई 2023। शासकीय अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली इलाज की सुविधा के संबंध में बात की जाए तो यह एक आमजन के जीवन से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है मगर जब एक ऐसे शासकीय अस्पताल की बात करे जिसमे गंभीर प्रसव के मामले में कायाकल्प कर मिशाल कायम कर रहा है तो यह विषय और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।
हम बात कर रहे है नवीन जिला सक्ती की जहां के 50 बिस्तर मातृत्व एवं शिशु अस्पताल में जिला गठन पूर्व सामान्य प्रसव की सुविधा थी वहीं सिजेरियन ऑपरेशन हेतु आमजनों को जिले के बाहर के शासकीय एवं निजी अस्पतालों में निर्भर रहना पड़ता था, किसी भी परिवार के लिए सुरक्षित मातृत्व एवं शिशु सबसे अहम भूमिका निभाता है परिवार किसी भी वर्ग का हो प्रसव मानव जीवन से जुड़ा एक अभिन्न पहलू के साथ साथ मानवीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है ऐसे में जब बात आ जाए गंभीर प्रसव की जिसमे की सिजेरियन आपरेशन की जरूरत पड़ जाती है और संंबधित परिवार पर आर्थिक बोझ पड़ता है, और मजबूर परिवार उधार लेकर अपने जीवन को आगे बढ़ाने और आने वाली खुशियों की सोंच ऑपरेशन कराने निजी अस्पतालों की ओर रुख करता है, वही निजी अस्पताल 25 से 50 हजार रुपए तक कि फीस लेकर प्रसव कराते है। ऐसे में एक मध्यम वर्गीय परिवार या दैनिक मजदूरी कर रहे परिवार इस आर्थिक बोझ से दब जाता है। बच्चे को पाने की खुशी तो रहती है लेकिन आर्थिक बोझ की चिंता भी माथे पर बल देती रहती है।
बता दें कि नवीन जिला सक्ती की प्रथम कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना ने इस विषय को काफी गंभीरता से लिया और जिला सक्ती गठन उपरांत कलेक्टर ने नगर में स्थित मातृत्व एवं शिशु अस्पताल में सिजेरियन आपरेशन प्रारंभ करने की ठान ली, उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सूरज सिंह राठौर को नवीन जिले में जल्द से जल्द सीजीरेयन आपरेशन प्रारंभ करने के निर्देश दिए। लेकिन इसके लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ और मास्टर ऑफ सर्जन की आवश्यकता थी, वहीं निश्चेतना विशेषज्ञ चिकित्सक सहित ऑपरेशन कक्ष में दक्ष कर्मचारियों की भी आवश्यकता थी। वहीं कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के प्रयासों से नवीन जिला सक्ती में स्त्री रोग विशेषज्ञ सर्जन डॉ. कल्पना राठौर की पदस्थापना हुई और हायरिंग निश्चेतना विशेषज्ञ चिकित्सक से अनुबंध हुआ इस तरह सक्ती जिले में सिजेरियन आपरेशन आरंभ हुआ। नवीन जिला सक्ती में जिला गठन उपरांत आज दिनांक तक 237 सफल सिजेरियन आपरेशन किए जा चुकें हैं। जो अब तक का नगर के लिए बहुत बड़ी सफलता रही है। अगर यह सुविधा सक्ती जिले में प्रारंभ नही होती वहीं प्रसव के लिए लोगो को निजी अस्पतालों में निर्भर रहना पड़ता ऐसी स्थिति में कुल 237 सीजेरियन आपरेशन हेतु लगभग 60 लाख एवं सिजेरियन से जन्म लिए इन 237 नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य हेतु लगभग 20 लाख यानी कुल 80 लाख का खर्च होता और इसका सीधा असर इन परिवारों पर आर्थिक बोझ के रूप में पड़ता। नवीन जिला सक्ती गठन उपरांत इस तरह से आमजनों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हो रहा है। जिससे जिलेवासियों द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हेतु मुख्य मंत्री भूपेश बघेल का धन्यवाद भी ज्ञापित किया जा रहा है। भूपेश सरकार में सक्ती को जिले का दर्जा दिया गया, वहीं आमजनों को आज नवीन जिले में आसानी से जरूरत की शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल रहा है और अब नवीन जिला सक्ती विकास के अपने पायदान में आगे बढ़ता जा रहा है।