सक्ती

हत्यारे बाप बेटे को आजीवन कारावास की सजा

सक्ती ‌। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सक्ती के ए.जी.पी. ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार से है की प्रार्थी मनोज कुमार गवेल ग्राम डोंगिया द्वारा दिनांक 18 मार्च 2020 को थाना मालखरौदा में सूचना दिया गया कि उक्त दिनांक को दोपहर 12:00 बजे जब वह अपने घर में था उसी समय उसका चौकीदार फोन करके बताया कि ग्राम डोंगीया के बुडगाराम यादव एवं उसका लड़का गौतम यादव टांगी और लाठी लेकर यशवंत गबेल को मारने के लिए आम बगीचा तरफ दौड़ा रहे हैं तब वह तत्काल अपने भतीजा गोपीकुमार गवेल को साथ लेकर मोटरसाइकिल से बगीचा तरफ गया तो देखा कि यशवंत गबेल खलिहान के पास खाट में बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ था, यशवंत के सिर, दोनों हाथ, दोनों पैर, जांघ, पीठ, कमर सहित पूरे शरीर पर मारपीट से आई चोट के निशान दिखाई दे रहे थे, सिर पैर एवं आंख से खून निकल रहा था उसके बाद वह उसके मुंह में पानी डाला और सिर पर भी पानी थोपा थोड़ा सा होश आने पर उसने घटना के संबंध में पूछा तो यशवंत ने बताया कि उसे बुडगा यादव और उसका लड़का गौतम यादव दोनों मिलकर गाली गलौज करते हुए तथा जान से मारने की धमकी देते हुए दौड़ाकर टांगी एवं डंडे से मारपीट कीये है। उसके बाद वह अपने जीजा गोपीकुमार को तत्काल घर जाकर कार लेकर आने के लिए कहा इसी दौरान समारु, उमेद सिंह एवं महादेव केंवट भी मौके पर पहुंचे तब उसने उनसे भी घटना के बारे में पूछा तो उन्होंने भी बताया कि बुड़गा यादव व उसके लड़का के द्वारा टांगी डंडा लेकर उसे मरने के लिए दौड़ रहे थे। गोपी कुमार द्वारा कार लेकर पहुंचने पर यशवंत कुमार को इलाज के लिए ले जाने के लिए निकले इसी दौरान रास्ते में यशवंत की पत्नी किरण गबेल रास्ते में मिली तब उसे भी कार से मालखरौदा अस्पताल ले गए थे प्रार्थी मनोज कुमार की सूचना के आधार पर थाना मालखरौदा में अपराध क्रमांक 135/20 धारा 294, 506, 323, 34 भारतीय दंड विधान के तहत प्रथम सूचना पत्र लिखा गया घटना स्थल का नजरी नक्शा तैयार किया गया आहत यशवंत को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरोदा भेजकर उसका डॉक्टरी परीक्षण कराया गया प्रारंभिक उपचार के पश्चात गंभीर चोट होने के कारण हायर सेंटर रेफर करने पर सिम्स अस्पताल बिलासपुर ले जाते समय चांपा के पास दिनांक 18 मार्च 2020 को आहत की मृत्यु हो गई तब मर्ग कायम कर शव पंचनामा एवं पोस्टमार्टम करवाया गया तथा धारा 302 भा.द.वि. जोड़ा गया।आरोपी बुडगा राम एवं उसके पुत्र गौतम कुमार को अभिरक्षा में लेकर उसका मेमोरेंडम कथन लिया गया। आरोपी बुडगाराम से एक लोहे की टांगी एक लूना तथा सैंडो बनियान जप्त किया गया एवं आरोपी गौतम कुमार से एक बांस का डंडा, सैंडो बनियान जप्त किया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया संपूर्ण विवेचना पश्चात न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मालखरौदा के समक्ष चालान प्रस्तुत किया गया। उपार्पण पश्चात अपर सत्र न्यायालय में मामला प्रेषित किया गया आरोपी गण के द्वारा अपने आप को निर्दोष होना बताया गया तथा अपने बचाव में सहायक शिक्षक धनसाय देवांगन बीएलओ का परीक्षण कराया गया। शासन की ओर से अपने पक्ष समर्थन में कुल 20 गवाहों का बयान करवाया गया है। आरोपीगण के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि आरोपीगण निर्दोष हैं वास्तविकता यह है कि मृतक की पत्नी किरण एवं मनोज गबेल द्वारा आपस में षड्यंत्र करते हुए मृतक यशवंत कुमार की हत्या की गई है एवं आरोपीगण को उल्टा प्रकरण में झूठा फंसाया गया है उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम डोंगिया में बुडगा एवं गौतम नाम के अन्य व्यक्ति भी निवास करते हैं। शासन की ओर से तर्क दिया गया कि मृतक ने स्वयं होकर आरोपीगण द्वारा उसके साथ मारपीट करने का बयान पुलिस एवं उसके साथीगण को दिया गया है। घटना के संबंध में पर्याप्त सबूत अभिलेख पर मौजूद है अभियोजन ने आरोपीगण के द्वारा अपराध किए जाने के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किया जाना बताकर आरोपीगण को कठोर से कठोर दंड से दंडित करने का निवेदन किया है। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात दिनांक 6.5.2023 को आदेश पारित करते हुए माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी डॉक्टर ममता भोजवानी ने पाया कि आरोपीगण का आशय मृतक की हत्या करना था और मृतक को आई चोटें धारदार टांगी एवं लाठी से पहुंचाई गई है आरोपीगण ने यह जानते हुए कि उक्त चोटों से मृत्यु कार्य होना संभव है।चूंकि यह घटना अचानक घटित नहीं हुई है कोई गंभीर या अचानक प्रकोपन उत्पन्न होने का अपवाद प्रकरण की परिस्थिति में लागू नहीं होता है, इस तरह आरोपी गण का यह कृत्य धारा 302/34 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत सामान्य आशय के अग्रेसन में हत्या करने की श्रेणी आना मानते हुए आरोपी बुडगा राम एवं गौतम कुमार यादव को धारा 302/34 भारतीय दंड संहिता के अपराध के लिए आजीवन कारावास एवं 10000 रू. 10000 रू. के अर्थदंड से दंडित किया गया है। छ. ग. शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्री ऋषिकेश चौबे ने पैरवी किया।