
सक्ती । राजगढ़ जिले विश्वसनीय अस्पताल बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए हमेशा कर रहा है और लगातार मानवीय स्वभाव का परिचय देते हुए चिकित्सा के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है इसी कड़ी में बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल के न्यूरो विशेषज्ञ डॉक्टर नीतिश नायक ने विगत दिनों मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी की रायगढ़ में शुरुआत की है हॉस्पिटल में इस आधुनिक पद्धति की शुरुआत होते ही न्यूरो विभाग ने एक ऐसे मरीज को स्वस्थ करने में कामयाबी हासिल की है जो स्लिप डिस्क की समस्या से ग्रसित था जिले के इतिहास में पहली बार न्यूरो सर्जन डॉक्टर नीतीश नायक ने आधुनिक तकनीक मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी के जरिए सफल ऑपरेशन कर चिकित्सा जगत में एक सुनहरा अध्याय लिख दिया है।
आइए विस्तृत रूप से जानते हैं इसके बारे में ,मरीज की हिस्ट्री
रायगढ़ निवासी एक 34 साल का युवक पिछले 6 महीनों से कमर दर्द से पीड़ित था उसे पिछले 1 महीने से बाएं पैर में कमजोरी महसूस हो रही थी और दर्द के कारण चलने में काफी तकलीफ हो रही थी पीड़ित युवक ने कई अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला फायदा ना होता देख युवक के परिजनों को बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल के न्यूरो विशेषज्ञ डॉक्टर नितीश नायक के बारे में पता चला तो उन्होंने नीतीश नायक को मिलकर सारी समस्या बताई जिसके बाद डॉक्टर नायक ने उपचार शुरू कर समस्या को जड़ से जाने के लिए एमआरआई कराने की सलाह दी।एमआरआई रिपोर्ट से डॉ नायक ने पता लगाया कि मरीज स्लिप डिस्क की समस्या से ग्रसित है तथा स्लिप डिस्क बाएं पैर की नस को दबा रही है। दवाओं से फायदा ना होता देख डॉ नायक में ऑपरेशन की सलाह दी और आश्वस्त किया मरीज बिल्कुल ठीक हो जाएगा डॉक्टर से मिले विश्वास के बाद मरीज और परिजन सहमत हुए डॉ नायक द्वारा आधुनिक पद्धति मिनीमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी द्वारा मरीज का ऑपरेशन किया गया जो सत प्रतिशत सफल रहा ऑपरेशन के पश्चात मरीज अपने पैरों में चलने लगा है और उसे अब दर्द भी नहीं हो रहा है उचित चिकित्सा सलाह के बाद युवक को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया अपने घर के चिराग को पुनः स्वस्थ देख परिजनों की खुशी लौट आई और उन्होंने डॉ नितीश नायक और हॉस्पिटल प्रबंधन को आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
क्या है मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी
मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी पारंपरिक ओपन स्पाइनल सर्जरी की तुलना में काफी छोटे कट और चिरों का उपयोग करके पीठ की हड्डियों पर स्पाइनल सर्जरी करने का एक तरीका है इस पद्धति में मरीज के स्पाइन में छोटा चीरा (2-2.5) सेमी लगाया जाता है तथा एक विशेष उपकरण ट्यूबलर रिट्रेक्टर्स की मदद से स्पाइन तक पहुंचा जाता है उसके बाद रीड की हड्डी में ड्रिल की मदद से छोटा छेद बनाकर माइक्रोस्कोप के द्वारा सर्जरी की जाती है पिछले कुछ दशकों में यह तकनीक तेजी से विकसित हुई है और चीरों का आकार काफी कम हो गया है मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी बहुत ही आशाजनक है यह कम सर्जिकल जोखिम के साथ रोगी को बहुत तेजी से ठीक करता है इस पद्धति में छोटा चीरा लगाया जाता है जिसमें मांसपेशी तथा उतको में कम नुकसान होने की वजह से ऑपरेशन के बाद दर्द कम होता है ऑपरेशन के बाद इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है और सर्जरी के पश्चात होने वाली हड्डियों में स्थिरता भी कम होती है इस प्रक्रिया में अधिक दिनों तक अस्पताल में रुकने की आवश्यकता नहीं होती है और संक्रमण की चपेट में आने का खतरा भी कम होता है ऐसी प्रक्रियाओं में निशान भी ज्यादा नहीं पड़ते हैं रक्त स्त्राव भी कम होता है और टिश्यूज को अधिक नुकसान भी नहीं पहुंचता है मरीज की रिकवरी जल्दी होती है और वह अपनी दैनिक दिनचर्या जल्द ही शुरू कर पाते हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर नायक
मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी पद्धति विशेष तरह के मरीजों में ऐसे भी कारगर होती है पहले इस तरह के ऑपरेशन के लिए मरीजों को बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था जिसमें उन पर आर्थिक बोझ अधिक पडता था और समय की बर्बादी भी होती थी कई बार समय पर उचित इलाज भी नहीं मिल पाता था रायगढ़ में इस पद्धति की शुरुआत होने से प्रत्यक्ष रूप से मरीजों को लाभ मिलेगा और उनके परिजनों को भी फायदा मिल ही रहा है रायगढ़ क्षेत्र भी मेडिकल की दिशा में अग्रणी हो रहा है।