बिलासपुरसक्ती

सक्ती रेल्वे स्टेशन में लोगों को पीने का पानी भी नहीं हो रहा मुहैय्या, खराब पड़ा है वाटर कूलर

कुंभकरण की नींद में रेल्वे प्रशासन

सक्ती ‌। एक और जहां सक्ती शहर सहित पूरे क्षेत्र में भीषण गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, तो वही सक्ती का रेलवे स्टेशन जन यात्री सुविधाओं के नाम पर अपने रवैए में कोई बदलाव करता नजर नहीं आ रहा है, विगत 1 सप्ताह से सक्ती रेलवे स्टेशन में जहां लोगों को एक बूंद पानी भी उपलब्ध नहीं हो रहा है, तो वहीं प्लेटफार्म पर नम्बर एक पर सीढ़ी के नीचे लगा हुआ वाटर कूलर विगत कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है,किंतु रेलवे प्रशासन को इसके बनवाने की बिल्कुल चिंता नहीं है, तथा वाटर कूलर लगकर सिर्फ शो पीस बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर सुलभ शौचालय में भी पानी के आभाव में उपयोगिता से बाहर हो चला हैं, तथा स्टेशन में यात्रा करने वाले आने वाले रेल यात्रियों को आकस्मिक स्थिति में शौचालय की आवश्यकता पड़ने पर आखिर वे जाएं तो जाएं कहां
सक्ती रेलवे स्टेशन का यात्री प्रतिक्षालय तो वर्षों से रेलवे के सुरक्षा अधिकारियों के कब्जे में है, तथा इस यात्री प्रतीक्षालय में किसी भी रेल यात्रियों को रोकने की अनुमति नहीं है, तो भला फिर भारतीय रेलवे रेल यात्रियों को सुविधाएं देने की बड़ी-बड़ी बातें करता है एवं सक्ती रेलवे स्टेशन में भी रेल यात्री सुविधाओं के नाम पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर अपनी उपलब्धियां गिनाई गई हैं, किंतु हकीकत तो यह है कि अगर रेलवे के बड़े उच्चाधिकारी बिना किसी जानकारी के सक्ती रेलवे स्टेशन में आकस्मिक निरीक्षण में पहुंचे तब यहां की हकीकत उन्हें पता चलेगी, तथा सक्ती रेलवे स्टेशन रेल यात्री सुविधाओं की अनदेखी के लिए पूरे बिलासपुर जोन का एक मात्र ऐसा स्टेशन होगा जहां रेलवे प्रशासन को जनप्रतिनिधियों एवं मीडिया के माध्यम से बार-बार अवगत कराने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जाता, तथा बड़े अधिकारियों के आगमन की भनक लगने पर आनन-फानन में औपचारिकतावश कुछ सुधार जरूर करवा दिया जाता है, किंतु जब आगंतुक अधिकारियों का दौरा कैंसिल होता है तो फिर स्टेशन में वही स्थिति पैदा हो जाती है, क्षेत्र के रेल यात्रियों ने वर्तमान भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल की समस्या को तत्काल सुधारने की मांग की है
ज्ञात हो कि सक्ती रेलवे स्टेशन में आरक्षित टिकटों के लिए पूर्व में स्थापित समय की व्यवस्था को बदलकर सुबह 8:00 से 12:00 एवं दोपहर 2:00 से 4:00 तक रखा गया है, जिसमें सरकारी कर्मचारी जो कि 5:00 बजे दफ्तर से छुट्टी होने के बाद यदि आरक्षण करवाना चाहें तो उनका टिकट काउंटर से आरक्षण नहीं हो सकता,क्या यह रेल यात्रियों के साथ एक बड़ा अन्याय नहीं है, आज लगभग रेलवे स्टेशनों में रात्रि समय भी आरक्षित टिकटों की सुविधाएं उपलब्ध होती है, किंतु शक्ति जिला मुख्यालय बनने के बाद भी यहां के रेल यात्री अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, तथा इसका सबसे बड़ा कारण सक्ती क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी है, जो कि चुनाव जीतकर खाली जनता को बड़े-बड़े वायदे कर देते हैं,किंतु चुनाव जीतने के बाद उनको आम जनता की परेशानियों के निराकरण के संबंध में कोई रूचि नजर नहीं आती
तथा रेलवे प्लेटफार्म में आज भी आवश्यक प्रकाश व्यवस्था नहीं है जिससे बड़ी सुपरफास्ट ट्रेनों में पीछे डिब्बों में उतरने वाले रेल यात्री रात्रि समय अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं, तथा सक्ती रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म में अंतिम छोर पर तो प्रकाश व्यवस्था के आभाव में गांजा पीने वाले, शराब पीने वाले, जुआ खेलने वाले लोग अंधेरा होते ही अपनी महफिल जमा लेते हैं, तथा सक्ती रेलवे स्टेशन के रेल यात्री प्रतीक्षालय में रुकने वाले रेलवे के सुरक्षा अधिकारी ऐसे लोगों को संरक्षण देते नजर आते हैं, तथा कभी भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती, जिसके चलते प्लेटफार्म के किनारे दारू की बोतलें देखने को मिलती है, तो वहीं रेलवे ओवरब्रिज के ऊपर सीढ़ियों पर भी कभी कभार शराब की बोतलें पड़ी रहती है,क्या यही रेलवे प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा है बड़ी ही शर्मनाक स्थिति सक्ती रेलवे स्टेशन की बनी हुई है।