केंद्र की अमृत भारत स्टेशन योजना में नहीं हुआ सक्ती रेलवे स्टेशन शामिल

ठगा गया जिला मुख्यालय का रेलवे स्टेशन सक्ती
सक्ती । केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत रेल बजट 2023 में अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ प्रदेश के 32 रेलवे स्टेशनों के विकास को मंजूरी दी गई है,किंतु दुर्भाग्य यह है कि प्रदेश का नवगठित 33 वां राजस्व जिला सक्ती जो कि जिला मुख्यालय का सक्ती रेलवे स्टेशन है, एवं यहां के रेल यात्री दशकों से रेल यात्री सुविधाओं एवं एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग कर रहे हैं, किंतु इसके बावजूद अमृत भारत स्टेशन योजना में सक्ती रेलवे स्टेशन को शामिल नहीं किया गया ह, जिससे क्षेत्र के नागरिकों एवं जिले के विभिन्न विकास खंडों के लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है, तथा सक्ती क्षेत्र की जनता का कहना है कि आज सक्ती शहर के इस रेलवे स्टेशन में एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग वर्षों से की जा रही है तथा रेलवे द्वारा नियम कानूनों का हवाला देकर है स्टापेज नहीं दिया जा रहा है एवं अब जब केंद्र का रेल बजट प्रस्तुत हुआ है उसमें अमृत भारत स्टेशन योजना में सक्ती जैसे महत्वपूर्ण रेल स्टेशन जहां से कि लगभग 3 विधानसभा क्षेत्रों के रेल यात्रियों को यहां से अपनी यात्रा प्रारंभ करनी होती है तथा रेलवे ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया तथा फिर से एक बार सक्ती क्षेत्र के रेलयात्री अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं
तथा रेल यात्रियों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो सक्ती क्षेत्र की जनता इसका जवाब जनप्रतिनिधियों को अवश्य देगी,उल्लेखित हो कि केंद्र सरकार की अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 32 रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं एवं हाईटेक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिसमें प्रमुख रुप से राजनांदगांव,अम्बिकापुर रोड, बालोद, बाराद्वार, बिल्हा,चापा, दल्ली राजहरा, भाटापारा, भानुप्रतापपुर, भिलाई, भिलाई नगर, भिलाई पावर हाउस, बिलासपुर, डोंगरगढ़,दुर्ग,हथबंध, जगदलपुर, कोरबा, महासमुंद, मंदिरहसौद, मरोदा, निपनिया, पेंड्रा रोड, रायगढ़, रायपुर, सरोना, तिल्दा नेवरा, उरकुरा तथा उसलापुर रेलवे स्टेशन शामिल है
एवं सक्ती क्षेत्र के रेल यात्रियों में भारी आक्रोश है, ज्ञात हो कि सक्ती रेलवे स्टेशन में यहां के रेल यात्री वर्षों से निजामुद्दीन- रायगढ़ गोंडवाना एक्सप्रेस के स्टॉपेज की मांग कर रहे हैं, तो वही सक्ती रेलवे स्टेशन में यात्री सुविधाओं के नाम पर यात्री दशकों से ठगे जा रहे हैं, किंतु रेल प्रशासन को इसकी चिंता नही है और ना ही जनप्रतिनिधियों को, रेल यात्रियों द्वारा अनेकों बार केंद्र के जनप्रतिनिधियों से मिलकर ज्ञापन देकर बार-बार मांग की जा चुकी है, किंतु हमेशा ही सक्ती क्षेत्र के रेलयात्री छले जाते हैं, एवं अब एक बार फिर से जबकि राज्य में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं एवं 2024 के मई माह में लोकसभा चुनाव होने हैं इसके बावजूद राजनीतिक पार्टियों को जन भावनाओं की बिल्कुल चिंता नजर नहीं आ रही है तथा सक्ती रेलवे स्टेशन अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से रियासत रहा है तथा सबसे पुरानी तहसील रहा है किंतु इसके बावजूद न जाने क्यों राजनीतिक दल एवं रेल प्रशासन यहां के लोगों की उपेक्षा ही करता है, तथा सक्ती रेलवे स्टेशन में अंडर ग्राउंड ब्रिज एवं विभिन्न रेल यात्री सुविधाओं की नितांत आवश्यकता है।