सक्ती

जिले में धान खरीदी का महापर्व शांति और सफलतापूर्वक संपन्न

खरीफ विपणन वर्ष 2022-23

84509 किसानों से 365091.80 टन धान की खरीदी,

जिले के पंजीकृत 86844 किसानों के लिए 119 उपार्जन केन्द्रों की की गई थी व्यवस्था,

97.31 प्रतिशत किसानों ने बेचा धान

सक्ती ‌।  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच और उदार फैसलों के फलस्वरूप खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शांति पूर्ण संपन्न हुई है। जिले में धान खरीदी कार्य में किसानों की सहुलियतों का पूरा ध्यान रखा गया। परिणाम स्वरूप सक्ती जिले के किसान खुश है। इस वर्ष धान खरीदी के लिए 86844 किसानों के लिए 119 उपार्जन केन्द्र की व्यवस्था की गई थी। अनुमानित लक्ष्य 373155 टन धान खरीदी के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए । जिससे किसान पूरी तरह संतुष्ट है। खरीदी गये धान की सुरक्षा एवं उठाव पर भी सतत निगरानी रखने के निर्देश दिये गये थे। जिसके फलस्वरूप बेमौसम बारिश में भी धान सुरक्षित रहा और 95.12 प्रतिशत धान का उठाव हो चुका है।

97.31 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा

जिले में 31 जनवरी 5 बजे तक 84509 किसानों से समर्थन मूल्य पर 365091.80 टन धान की खरीदी की जा चुकी है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में पंजीकृत किसानों में से 97.31 प्रतिशत किसानों ने अपना धान बेचा । धान खरीदी का अनुमानित लक्ष्य 373155 टन था। जिसके विरूद्ध 97.84 प्रतिशत अर्थात 365091.80 टन धान की खरीदी की गई है। खरीदे गए धान में से 95.12 प्रतिशत धान उठाव हो चुका है। उठाव की प्रगति निरंतर जारी है।

राज्य सरकार के प्रति किसानों ने जताया आभार

हजारों किसानों ने धान खरीदी की समुचित व्यवस्था के लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने के कहा कि टोकन कटाने, धान तौलाने और बेचे गए धान के एवज में राशि प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने किसानों की सहुलित का पूरा ध्यान रखा। किसानों में खुशहाली का महौल है।

जिले के पंजीकृत 86844 किसानों के लिए 119 उपार्जन केन्द्र की व्यवस्था

कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के मार्ग निर्देशन में शत प्रतिशत पात्र किसानों के पंजीयन के लिए राजस्व विभाग सहित अन्य विभागों ने विशेष प्रयास किया। जिसके फलस्वरूप जिले में 86844 किसानों का पंजीयन किया गया। इसके लिए 119 उपार्जन केन्द्रों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। सभी उपार्जन केन्द्रों हमाल, कांटा, कंप्यूटर, आद्रता मापी, किसानों के बैठने के लिए छांव, पेयजल, टोकन आदि के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई। जिसके फलस्वरूप किसानों को धान विक्रय करने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नही हुई।

गड़बड़ी रोकने जिला व तहसील स्तर पर बनाया गया निगरानी दल

कलेक्टर ने धान खरीदी व्यवस्था पर सतत निगरानी के लिए जिला व तहसील स्तर पर निगरानी दल का गठन किया था। जिसके कारण धान के अवैध परिवहन और भंडारण के विरुद्ध सतत कार्यवाई की गई। खरीदी केन्द्रवार जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए । नोडल अधिकारियों से प्राप्त प्रतिवेदन धान खरीदी व्यवस्था बनाये रखने के लिए कारगर साबित हुआ। कलेक्टर ने धान खरीदी से संबंधित सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया। किसानों एवं अन्य लोगों से धान खरीदी से संबंधित प्राप्त शिकायतों का त्वरित निराकरण किया गया।

खरीदी के साथ साथ धान का उठाव की समानांतर कार्रवाई

उल्लेखनीय है कि जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी की शुरुआत 1 नवंबर 2022 से हुई थी। धान खरीदी के समांतर ही खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव और कस्टम मिलिंग भी युद्ध स्तर पर जारी है। धान खरीदी के साथ ही समांतर रूप से कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव तेजी से किया जा रहा है। इस वर्ष धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का तेजी से उठाव भी किया जा रहा है।