माता पिता की सेवा करना मनुष्य का कर्तव्य: गोस्वामी गोविंद बाबा

कथा आयोजन में जिला सहित स्थानीय प्रशासन का भी मिल रहा भरपूर सहयोग
बाराद्वार । बाराद्वार में 1008 आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के छठवें दिन को गोपी उध्दव संवाद, रूक्मणी विवाह, सुदामा चरित्र के प्रसंग लेकर संगीतमय तथा झांकियो के साथ विस्तारपूर्वक कथा वाचन किया गया,गोस्वामी गोविंद बाबा ने कहा कि माता-पिता की सेवा करना मनुष्य का कर्तव्य है। कितने दुख उठाकर कितनी विपत्तियां झेलकर वे अपनी संतान का लालन-पालन करते है, उनके उपकारो का, उनकी सेवाओ का बदला किसी प्रकार से चुकाया नही जा सकता
गोस्वामी गोविंद बाबा ने कथा प्रवचन के दौरान बताया कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता उपदेश देते हुए समझाया कि मनुष्य में विवेक होना चाहिए, दुध का दुध और पानी का पानी करने का, उचित-अनुचित एवं उनके बुरे परिणाम मे अंतर समझने और सब जानने का विवेक आता है, वही कथा के छठवें दिन 30 दिसंबर को भी श्रोताओं की भारी भीड़ रही तथा कथा परिसर के बाहर भी भव्य रूप से आकर्षक स्वागत द्वार एवं पंडाल का निर्माण किया गया हैं, तथा शाम होते ही श्रोताओं की भीड़ उमड़ती है जिससे यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने में भी आयोजन समिति के सदस्यों सहित स्थानीय प्रशासन भी भरपूर योगदान दे रहा है, साथ ही बाराद्वार शहर में हो रहे इस 1008 सहस्त्र श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ को लेकर आयोजन समिति भी सभी श्रोताओं का अभिवादन करते हुए उनका स्वागत अभिनंदन कर रही है।