ठेकेदार का लूट का अड्डा बना रौताही मेला

एक ठेकेदार को कई वर्षों से दिया जा रहा है नगर पालिका द्वारा ठेका
सक्ती । एक समय था जब सक्ती का रौताही मेला काफी चर्चा में रहता था परंतु दिन-ब-दिन अब मेले की रंगत फीकी पड़ती जा रही है परंतु एक जो मुख्य कारण है वह है रौताही मेले के अंदर लगने वाले दुकानों की कीमत सुनकर दुकानदारों के होश उड़ जाते हैं परंतु मजबूरी वस मेला में दुकान लगाना पड़ता है। इसमें यह मालूम नहीं होता कि वह कितना कमाएंगे कितना बचाएंगे परंतु ठेकेदार द्वारा जो फरमान जारी कर दिया जाता है दुकानदार को उतना किराया उसे देना पड़ता है।
बता दे सक्ती के जिला बनने के बाद संशय की स्थिति थी कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेडियम में मेला लगेगा कि नहीं क्योंकि वहां अब जिला बनने के पश्चात रक्षित केंद्र बना दिया गया है। जहां लगभग 80 जवान रहते हैं जिनको किसी भी समय किसी भी स्थिति में बड़े-बड़े चार पहिया वाहनों के साथ कहीं भी आना जाना पड़ सकता है। इस कारण यहां मेला लगेगा कि नहीं इसमें थोड़ा संशय बना हुआ था। लेकिन जन भावनाओं को देखते हुए वहां मेला की अनुमति दे दी गई मेला की अनुमति मिलने के बाद मेला के लिए जिस ठेकेदार को टेंडर मिला है वह एक लाख से भी कम है। जबकि ठेकेदार द्वारा मेला ग्राउंड में करीबन डेढ़ सौ दुकान बनाए गए हैं। जिसकी एक दुकान कीमत पूछने पर दुकानदारों ने 6 हजार से लेकर 12 हजार और उसके भी ऊपर बतलाया है। परंतु कोई भी दुकानदार कैमरे के सामने में बोलने को तैयार नहीं, लेकिन उनकी चेहरे की मायूसी बताती है कि वह सही बोल रहे हैं। एक दुकानदार ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अब पहले जैसे मेला में दम नहीं रहा और खर्च भी बहुत बढ़ गए हैं। एक तरफ दुकान की किराया ऊपर से दुकान में लगे हुए प्रत्येक बल्ब के 40 रूपये के हिसाब से प्रतिदिन वसूली किया जाता है वहीं ग्राहक कम होने के कारण हम लोगों को कभी-कभी काफी नुकसान भी पड़ता है। अब रही बात नगर पालिका परिषद की जवाबदारी की तो वह भी बता दे अगर यह मेला को वह स्वयं ठेका में दिए बिना खुद दुकानदारों से किराया वसूलते तो नगर पालिका परिषद की फंड में भी काफी पैसे बचते और दुकानदारों को भी कम पैसा में दुकान मिलता परंतु बताया जाता है कि नगर पालिका में एक चर्चित ठेकेदार कई वर्षों से यहां पैसा कमाने के लिए यहां अपना अड्डा बनाया हुआ है वह कम पैसों में ठेका लेकर मेला में दुकानदारों से मोटी रकम वसूली करता है और अगर कोई शिकायत करे तो उसको भी मैनेज करने की कोशिश करता है। बता दे सक्ती के रौताही मेला आसपास के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है जिसको बनाए रखने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और जिला के आधा अधिकारियों को ध्यान देना होगा ताकि मेला की परंपरा और प्रसिद्धि को बनाए रखा जा सके।