सक्ती

सांस्कृतिक विकास मंच जिला सक्ती द्वारा भागवताचार्य राजेंद्र जी महाराज को “भागवत किरीट” की उपाधि से किया

सक्ती । सांस्कृतिक विकास मंच जिला सक्ती ‌ द्वारा गीता जयंती के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भागवताचार्य राजेंद्र जी महाराज को ” भागवत किरीट ” के अलंकरण से प्रशस्ति पत्र श्रीफल एवं पुष्पों की वर्षा से वेद मंत्र उच्चार और स्वस्तिवाचन के साथ अभिनंदन एवं सम्मान प्रदान किया गया ।
सांस्कृतिक विकास मंच जिला सक्ती के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार एलआर जयसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि भागवत कथाओं के माध्यम से आचार्य राजेंद्र जी महाराज के द्वारा आध्यात्मिक एवं सनातन धर्म के प्रति समाज में आस्था एवं विश्वास के साथ सामाजिक प्रेरणा की दृष्टि से , कन्या शिक्षा एवं सुरक्षा के साथ दिव्य संस्कार , पर्यावरण एवं प्रकृति के प्रति प्रेम और संरक्षण , कथा प्रसंगों के प्रति अभिरुचि तथा व्यक्ति व समाज जीवन से जोड़कर दूरदर्शिता का भाव प्रकट करना प्रशंसनीय पहल है । वही कथा प्रवचन करते हुए व्यक्ति व समाज में अपने देश के प्रति निष्ठा व कर्तव्य पालन करने का आग्रह के साथ भागवत कथा में भारत माता की आरती एवं जयकारा राष्ट्रीयता के भाव को प्रकट करता है ।
गीता जयंती के दिन आयोजित इस अलंकरण समारोह में ” भागवत किरीट ” शब्द से अलंकृत होने पर आचार्य राजेंद्र महाराज ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि जब तक श्रोता कथा को श्रवण करने के लिए ही सुनते रहेंगे तब तक समाज में जागरण कैसे आ सकता है , कथा में श्रोता बैठे और कथा श्रोता के भीतर बैठे तभी सार्थक परिणाम सामने आएंगे , वेदों के ज्ञान और पुराणों की कथा को आत्मसात करके ही अध्यात्म भाव जागृत होता है , कथाओं का आयोजन केवल दिखावा और प्रतिस्पर्धा नहीं है बल्कि कथा प्रवचन के द्वारा राष्ट्र के प्रति प्रेम और सेवा भाव को जागृत करना मुख्य लक्ष्य है क्योंकि राष्ट्र ही सर्वोपरि है ।
इस अवसर पर सांस्कृतिक विकास मंच जिला सक्ती के पदाधिकारी एवं गायत्री शक्तिपीठ सक्ती के सभी सेवारत पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। समारोह का संचालन शिक्षक भगत राम साहू एवं आभार शिक्षक हरीश कुमार दुबे के द्वारा किया गया ।