विश्व आदिवासी दिवस पर सक्ती में 9 अगस्त को भव्य आयोजन एकता और संस्कृति का होगा उत्सव

सक्ती – हर वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व आदिवासी दिवस इस बार सक्ती जिले में पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाया जाएगा। “एक तीर, एक कमान – सर्व आदिवासी समाज को प्रणाम” के भाव के साथ, यह कार्यक्रम न केवल सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगा, बल्कि आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत और पहचान को भी सशक्त रूप से प्रदर्शित करेगा। आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस वर्ष कार्यक्रम का मुख्य स्थल इंडोर स्टेडियम फुटबॉल ग्राउंड, जिला सक्ती को चुना गया है, जहां 9 अगस्त को भव्य आयोजन किया जाएगा। आयोजन का प्रारंभ प्रातः 9:00 बजे कंचन पूर बुढ़ा देव स्थल से विशाल रैली के रूप में होगा। पारंपरिक वेशभूषा में सजे सामाजिक बंधु नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए 12:00 बजे स्टेडियम पहुंचेंगे, जहां मुख्य समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम्मान समारोह, और पारंपरिक भोज का आयोजन होगा।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण–
सांस्कृतिक एकता का उत्सव रहेगा। यह कार्यक्रम आदिवासी समुदाय की बहुरंगी सांस्कृतिक परंपराओं – नृत्य, गीत, संगीत, लोक कला और सामाजिक संदेशों का संगम होगा। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सहित समाज के सभी वर्ग इसमें भाग लेंगे।छात्र-छात्राओं का सम्मान होगा। आदिवासी समाज के उन विद्यार्थियों को मंच से सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने कक्षा 10वीं और 12वीं (सत्र 2024-25) में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। समाज का उद्देश्य है कि शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे बच्चों को प्रेरित किया जाए। इच्छुक छात्र 5 अगस्त तक अपना विवरण आयोजन समिति को दे सकते हैं। ऐसे आदिवासी माता-पिता जिनके बच्चे उच्च शिक्षा की दिशा में अग्रसर हैं, या जो कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं, उन्हें विशेष रूप से मंच से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान आदिवासी समाज के त्याग, संघर्ष और मूल्यों को पहचान देने की एक पहल है। पारंपरिक खेल प्रतिभा को सम्मानित किया जाएगा. पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। इस अवसर पर पारंपरिक भोजन और व्यंजनों की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम के अंत में पारंपरिक आदिवासी व्यंजनों का आयोजन भी होगा, जिसमें सभी आगंतुक स्वादिष्ट स्थानीय पकवानों का आनंद लेंगे। समाज का आह्वान है कि
इस कार्यक्रम में जिलेभर के आदिवासी समुदाय से जुड़े सभी जन, युवा, महिलाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल होंगे। समाज ने सभी से अनुरोध किया है कि वे 9 अगस्त को समय पर उपस्थित होकर आदिवासी एकता, शिक्षा और संस्कृति को नया आयाम देने वाले इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनें। विद्या सिदार, नारायण प्रसाद सिदार, ओम प्रकाश मरावी, शिवनाथ सिदार, शिव कुमार कंवर, जगन्नाथ कंवर, राम सिंह कंवर, खम्हन सिंह कंवर, बुधराम उरांव, लक्ष्मण सिंह संवरा, कन्हैया धनुवार, पिंटू सिदार, सतीश सिदार, देवेन्द्र, छोटू सिदार, सागर सिदार, राजू, महेत्तर, फोटो सिदार, कीर्तन सिदार, बलवंत सिदार, मालती सिदार, हृदेश्वरी, उषा कंवर, किरण कंवर, ममता उरांव, अल्का कंवर, अंजना, संतोषी राज, पुष्पा नेताम, डॉ. शकुन्तला राज, सुभद्रा, भास्कर, बाबूलाल , चंद्रशेखर, गजाधर सिंह, संजय, सियाराम कंवर, इतवार सिंह, नीलमणि जगत, कुशवा सिदार, महेन्द्र सिदार, लीलाधर सिंह, बजरंग सिदार, गनपत, पंचुराम सिदार, कैलाश खैरवार, अंभा सबरिया, फिरत भैना, राम साय नगेसिया, राम कुमार कोरवा, मदन राठिया, रमेश चंद्र मुण्डा, उदित नारायण मैत्री, रेशम पैकरा, धरम कंवर, करम सिंह, गिरवर सिंह, होलेश्वर राठिया, संजय कंवर, त्रिभुवन सिंह सिदार,राम भरोस सिदार, पहार सिंह, महादेव सिदार, पुष्पेन्द्र सिदार, भूषण सिदार, सोम प्रकाश सहित सर्व आदिवासी समाज के बंधु सफल आयोजन किया लिए लगे हुए हैं।