सक्ती

राजमहल विवाद मामले में राजमाता श्रीमती गीता सिंह ने ली पत्रकार वार्ता

20 जुलाई को आयोजित पत्रकार वार्ता में गीता सिंह ने कहा- जो लोग घटना में शामिल ही नहीं थे,उन्हें फसाया जा रहा
घटना दिनांक 25 जून को राजकुमार अग्रवाल पीला महल में उपस्थित ही नहीं था – श्रीमती गीता सिंह
सक्ती –  सक्ती के राजमहल में हुए विवाद के मामले में 20 जुलाई 2025 को सक्ती की हटरी धर्मशाला में श्रीमती गीता सिंह के द्वारा एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया, इस पत्रकार वार्ता में सफेद महल सक्ती की श्रीमती दिव्या सिंह एवं जिलाअधिवक्ता संघ सक्ती के पूर्व अध्यक्ष पंडित दिगंबर प्रसाद चौबे भी मौजूद थे, पत्रकार वार्ता के दौरान श्रीमती गीता सिंह ने बताया कि 25 जून की घटना में जो लोग शामिल ही नहीं थे, उनका भी नाम पुलिस ने मामले में दर्ज किया है तथा इसके लिए उन्होंने पुलिस प्रशासन को लिखित में दिया है,एवं जरूरत पड़ेगी तो वे ऊपर भी जाकर इस संबंध में अपना पक्ष रखेंगी तथा श्रीमती गीता सिंह ने कहा कि उनका विवाह राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के साथ हुआ था एवं वे विवाह के बाद कुछ दिनों के लिए पारिवारिक कारणों से बाहर चली गई थी, किंतु उन्होंने अपना अधिकतम समय सक्ति पैलेश में ही व्यतीत किया है, तथा राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह को कुछ लोगों द्वारा अंधेरे में रखकर उनके एवं राजा साहब के संबंधों में कड़वाहट लाने का प्रयास किया गया तथा कुछ वर्षों पूर्व हमारे साथ दुर्व्यवहार भी किया गया, जिसकी सूचना उन्होंने स्थानीय पुलिस को दी थी,श्रीमती गीता सिंह ने कहा कि 25 जून को वे सुबह अपने सामाजिक लोगों के साथ तुर्रीधाम दर्शन करने गई थी एवं तुर्री धाम से दर्शन कर वे वापस राजमहल सक्ती पहुंची तथा उन्हें पूर्व में न्यायालय एवं महिला बाल विकास विभाग के आदेशानुसार राजमहल सक्ती में उनके कमरे में रहने के लिए वे जाना चाहती थी, किंतु वहां मौजूद कुछ लोगों द्वारा अप्रिय स्थिति निर्मित कर दी गई तथा उन्हें इस बात का पता चला कि वे जिस कमरे में वे रहती थी वहां का भी ताला इत्यादि तोड़ दिया गया है, एवं वे 25 जून की घटना से स्वयं आहत है, तथा राजमहल के अंदर वे केवल 5-6 लोगों के साथ ही प्रवेश की थी एवं महल के दरवाजे के बाहर उनके सामाजिक रूप से करीब कुछ लोग  थे, श्रीमती गीता सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों द्वारा श्रीमती गीता सिंह से यह पूछे जाने पर की क्या उनके साथ राजकुमार अग्रवाल, राजेश शर्मा भी थे तब उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मेरे साथ राजकुमार अग्रवाल नहीं थे एवं राजेश शर्मा मेरे साथ अंदर नहीं गए थे, श्रीमती गीता सिंह ने कहा कि वे सक्ती पैलेश में विवाह होकर यहां आई थी एवं आगे भी वे सक्ती में ही रहकर यहां के पैलेश की इज्जत को बनाए रखना चाहती हैं, एवं वे यहां रहते हुए सामाजिक रूप से गांव में तथा शहर में लोगों से संपर्क में रहेंगी एवं वर्तमान में श्रीमती गीता सिंह ने कहा कि पैलेश में मुझे जगह नहीं मिलने के कारण मैं सफेद महल में निवास कर रही हूं।
पत्रकार वार्ता में रमेश चंद अग्रवाल ने भी रखा अपना पक्ष
वही 20 जुलाई को हटरी धर्मशाला में श्रीमती गीता सिंह द्वारा बुलाई गई पत्रकार वार्ता के दौरान राजकुमार अग्रवाल के जेष्ठ भ्राता रमेश चंद अग्रवाल ने भी उपस्थित पत्रकारों को बताया कि उनका छोटा भाई 25 जून को सुबह से लेकर रात्रि 12:00 बजे तक घर पर ही था, एवं उनकी माता जी की तबीयत उस दिन खराब थी, जिसके कारण उनका पूरा परिवार उनके पुराने पैतृक घर में ही एकत्रित हुआ था एवं राजकुमार अग्रवाल का नाम अनावश्यक रूप से इस मामले में घसीटा गया है, जिसके संबंध में उन्होंने पुलिस प्रशासन को अवगत भी कराया है, रमेश चंद अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के साथ उनके पूज्य स्वर्गीय पिता श्री मांगेराम अग्रवाल के पारिवारिक संबंध रहे हैं, तथा राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह जब भी उनके घर पर आते थे वे पूरी आत्मीयता के साथ उनके परिवार जनों से मुलाकात करते थे, एवं उनका छोटा भाई राजकुमार अग्रवाल भी राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के साथ पारिवारिक रूप से संबंध होने के नाते श्रीमती गीता सिंह का भी समय-समय पर सहयोग करता था।  राजकुमार अग्रवाल राजमाता श्रीमती गीता सिंह की समय समय पर जरूरत पड़ने पर उनकी मदद किया करता था अतः उससे चिढ़ कर उन्होंने इस मामले में आरोपी बनाया है राजकुमार अग्रवाल के घटनास्थल पर उपस्थित रहने का किसी के पास फोटो एवं वीडियो हो तो जानकारी देने पर रमेश चंद अग्रवाल के द्वारा इसकी इनाम देने की घोषणा भी की है।