सक्ती

प्रधानमंत्री के मन की बात पर योग,पर्यावरण संरक्षण के साथ तीर्थ यात्रा पर संदेश

सक्ती-  योग दिवस पर देश विदेश में भव्य आयोजन से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी योग की स्वीकार्यता साबित हुई है और लोग विश्व स्तर पर योग को आत्मसात करने हेतु प्रेरित हो रहे हैं, यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 123 वें संस्करण पर लोगों से रुबरु होते हुए कहा।  आज मन की बात में प्रधानमंत्री ने तीर्थ यात्रा और तीर्थ स्थलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए तीर्थ यात्रियों को शुभकामनाएं दी तो वहीं नेत्र रोग ड्रायकोमा मुक्त भारत बनने के लिए देशवासियों को बधाई दिया। आज आपातकाल की विभीषिका पर भी चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे संविधान की हत्या करार देकर भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद को सशक्त बताया जहां तानाशाही का कोई स्थान नहीं है। मोदी ने असम के बोडोलैंड में फुटबाल खेल के माध्यम से युवाओं के अदभुत प्रदर्शन की सराहना करते हुए खेल के द्वारा उनके वैश्विक पहचान की तारीफ किया। मन की बात के 123वें संस्करण को सुनकर उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात का हर संस्करण देश में समाज के हर वर्ग के लिए ज्ञानार्जन के साथ ही नए संदेश के साथ कुछ बेहतर करने हेतु हमें प्रेरित करता है जो सुदूर वनों पहाड़ियों में निवासरत छुपी प्रतिभाओं को विश्व स्तर पर पहचान दिलाता है।विदित हो कि आज मन की बात को अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने अपने साथियों सहित मोबाइल के माध्यम से श्रवण किया तथा प्रधानमंत्री के पर्यावरण संरक्षण के आग्रह को आत्मसात करते फूलदार गुलमोहर व फलदार जामुन अमरूद के पौधों का रोपण किया गया।