सक्ती

गर्मियों की छुट्टी अब  हुई पूरी 16 जून से शुरू होगा नया शैक्षणिक सत्र 

सक्ती – छत्तीसगढ़ में आगामी 16 जून 2025 सोमवार से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। बच्चों की गर्मियों की छुट्टी अब पूरी हो गई है, इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे शाला प्रवेश उत्सव में सक्रिय रूप से भाग लें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा स्कूल से वंचित न रह जाए। मुख्यमंत्री ने एक पत्र के माध्यम से जनप्रतिनिधियों से कहा है कि राज्य को शत-प्रतिशत साक्षर बनाना एक बड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन यह लक्ष्य सामूहिक प्रयासों से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने सभी वर्गों से आग्रह किया है कि वे इस मुहिम में सहयोग करें और बच्चों का समय पर विद्यालयों में नामांकन सुनिश्चित कराएं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत कक्षा 12वीं तक स्कूल छोडने वालों की संख्या को धीरे-धीरे शून्य करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जरूरी है कि शैक्षणिक बाधाओं की पहचान कर उन्हें दूर किया जाए, जिसमें समाज के सभी हितधारकों की सहभागिता जरूरी है। मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत की जा रही है। इसका उद्देश्य शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है। साथ ही शिक्षकों की तैनाती को भी तर्कसंगत बनाया गया है, जिससे शिक्षकविहीन और एकल शिक्षक वाले विद्यालयों को प्राथमिकता के आधार पर शिक्षक मिल सकें। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षा क्षेत्र की अधोसंरचना और मूलभूत सुविधाओं के विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शाला प्रवेश उत्सव के दौरान व्यक्तिगत रूप से शामिल हों और यह सुनिश्चित करें कि हर बच्चा स्कूल पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे की भावना के साथ सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
उन्होंने विश्वास जताया कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान का नेतृत्व करेंगे और छत्तीसगढ़ को एक शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने में अपना योगदान देंगे। मुख्यमंत्री का यह पत्र राज्य में शिक्षा को लेकर एक जनांदोलन की शुरुआत माना जा रहा है। इससे न केवल बच्चों का स्कूलों तक पहुंच बढ़ेगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता को भी नया आयाम मिलेगा।