जिले में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गड़बड़ी की जांच की मांग

सक्ती – आयुक्त ने दिया निष्पक्ष जांच का आश्वासन बिलासपुर -समाजसेवी एवं पूर्व सभापति जनपद पंचायत मालखरौदा के अरुण महिलांगे (पिहरीद)के नेतृत्व में साथ ही सहयोगी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला सचिव भाई भानु प्रताप चौहान, युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष भाई कीर्तन मरावी, बजरंग मरावी, चंद्रशेखर जगत के साथ संभाग आयुक्त बिलासपुर को शिकायत प्रस्तुत कर
सक्ती जिले में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में अतिशेष निर्धारण में गड़बड़ी करने और नियमानुसार काऊंसलिंग प्रक्रिया आयोजित नहीं करने की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की गई है।
पत्र में अवगत कराया गया है कि जिले में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत शिक्षकों को शासन निर्देश के विपरीत अतिशेष घोषित किया गया है।काऊंसलिंग में स्कूल चयन में सभी शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों को नहीं दिखाया गया था।युक्तियुक्तकरण की इस पूरी प्रक्रिया में काऊंसलिंग के लिए शिक्षक संवर्ग अनुसार एवं बिषय अनुसार वरियता सूची जारी करने के बाद दावा आपत्ति का अवसर नहीं दिया गया वरियता सूची में शिक्षकों की विभागीय वरिष्ठता भी दर्शाया नहीं गया ,शिक्षक विहीन स्कूलों में पदांकन का अवसर नहीं दिया गया , वाणिज्य संकाय संचालन को ध्यान में नहीं रखा गया, कोर्ट के आदेश के आधार पर शासन के पत्र दिनांक 16.08
2023, 18.08.2023, 23.04.2024 के विपरीत सेजेस स्कूलों के शिक्षकों को अतिशेष सूची में शामिल किया गया , सभी पात्र प्राचार्य को अतिशेष घोषित नहीं किया गया,वरिष्ठ प्राचार्यों को आहरण एवं संवितरण अधिकार स्कूलों के चुनाव का अवसर नहीं दिया गया , मिडिल स्कूल में बिषय रचनाक्रम के अनुसार अतिशेष निर्धारण नहीं किया जाना है परन्तु कुछ स्कूलों में बिषय रचनाक्रम को आधार माना गया तो कुछ स्कूलों को इससे मुक्त रखा गया । प्राथमिक शाला में जहां से अतिशेष निकाले गए थे वहां फिर से पदस्थापना दिया गया। राज्य शासन ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में अतिशेष शिक्षकों के चिन्हांकन और पदांकन के लिए पत्र दिनांक 28.04.2025, 08.05.2025 और पत्र दिनांक 26.05.2025, जारी किया था जिसके निर्देशों का पूरी तरीके से पालन नहीं किया गया है। जैसे कि वाणिज्य बिषय में 36अतिशेष व्याख्याताओं की वरियता सूची में स क्र 01पर श्री अनिल कुमार साहू शा उ मा वि गोबरा नियुक्ति वर्ष 2011सेवानिवृत अक्टूबर 2027(दो वर्ष)तो उसी सूची में स क्र 21पर बालेश्वर शर्मा नियुक्ति वर्ष 2011सेवानिवृति जून 2027 (दो वर्ष)(वि ख डभरा)पर रखा गया था जिसके कारण ये जिले में स्कूल पाने से वंचित रह गए काउंसलिंग में भी इनके निवेदन पर विचार नहीं किया गया और इसी कारण उन्हें संभाग में भी जगह नहीं मिल सका है और अब उनके नाम संचालक को भेज दिए गए हैं भौतिक शास्त्र में 06ब्याख्याता अतिशेष थे सक्ती विकास खण्ड में देवरी,बरपाली कला और धनपुर में ब्याख्याता भौतिक शास्त्र के पद रिक्त हैं इस प्रकार यहां भौतिक शास्त्र शिक्षक विहीन है परन्तु शा उ मा वि चांटीपाली वि ख मालखरौदा में ब्याख्याता भौतिक शास्त्र में एक पहले से कार्यरत हैं वहां एक और ब्याख्याता की पदस्थापना किया गया है इसी प्रकार से शा क उ मा वि अड़भार में विज्ञान एवं जीवविज्ञान पांच पीरियड के रूप में संचालित है वहां दो ब्याख्याता जीवविज्ञान के पदस्थ थे उसमें से एक ब्याख्याता को आतिशेष में शामिल कर उन्हें शा उ मा वि घिवरा वि ख जैजैपुर में पदस्थापना दिया गया है जहां एक ब्याख्याता जीवविज्ञान के पहले से पदस्थ हैं परन्तु मालखरौदा वि ख में ही शा उ मा वि जमगहन में जीवविज्ञान के एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं हैं और काउंसलिंग में इस संस्था को दिखाया ही नहीं गया था।शा उ मा वि केरीबंधा और नंदौरकला में विगत आठ वर्षों से वाणिज्य संकाय संचालित हैं सत्र 2024-25में केरीबंधा में कक्षा 12वीं में तीन बच्चे पढ़ रहे थे और तीनों अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं नंदौरकला में 05बच्चे कक्षा 12वीं में दर्ज थे और सभी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए हैं परन्तु इन संस्थाओं में पदस्थ सभी ब्याख्याताओं को अतिशेष सूची में शामिल कर अन्यत्र पदस्थापना दे दिया गया है और इस प्रकार इन संस्थाओं में वाणिज्य संकाय का शिक्षण आठ वर्ष बाद बंद हो जाएंगे जब सत्र 2024-25के दर्ज संख्या को आधार माना गया था तो यहां इस सत्र में बच्चे तो दर्ज थे हो सकता है वे श्रेणी सुधार करने पुनः प्रवेश ले सकते हैं यह कैसे मान लिया गया कि आने वाले सत्र में बच्चे एडमिशन नहीं लेंगे।जबकि इसी बिषय में 20ब्याख्याता ऐसे अतिशेष हैं जो जिले से बाहर हो रहे हैं और अब नंदौरकला में पदस्थ एक ब्याख्याता के नाम भी संचालक को भेज दिए गए हैं इस प्रकार दोनों स्कूल वाणिज्य बिषय में शिक्षक विहीन हो गये हैं।ब्याख्याता हिंदी की वरियता सूची में चौथे नंबर पर बबीता नेताम सकरेली कला वि ख सक्ती को दिखाया गया था जो तीसरे नंबर पर पर अंकित डोल कुमारी देवांगन वि ख मालखरौदा से वरिष्ठ हैं और इसी कारण से सक्ती के ब्याख्याता को मालखरौदा और मालखरौदा के ब्याख्याता को सक्ती स्कूल का चयन करने विवश होना पड़ा। मिडिल स्कूल में अतिशेष शिक्षकों के लिए कुछ स्कूलों में बिषय रचनाक्रम अंग्रेजी, गणित,कला,विज्ञान,हिंदी और संस्कृत/उर्दू /वाणिज्य के आधार पर किया गया है जैसे कि शा क पूर्व मा वि सक्ती में रत्ना श्याम हिंदी और श्रवण सिंह सिदार कला संस्था में सबसे वरिष्ठ शिक्षक हैं परन्तु इन्हें अतिशेष घोषित किया गया है परन्तु मिडिल स्कूल नवापारा कलां ( टेमर ) में 41बच्चे दर्ज हैं और प्रधान पाठक सहित चार शिक्षक पदस्थ हैं जिसमें एक अंग्रेजी, दो गणित और विज्ञान के शिक्षक हैं।ऐसी ही स्थिति कन्या लिमतरा, मन्द्रागोढ़ही ,कुरदा( नगरदा )आदि सहित बहुत से स्कूलों की है। इन स्कूलों में बिषय रचनाक्रम के अनुसार अतिशेष घोषित नहीं किए गए हैं और इसीलिए बहुत से हिंदी बिषय एवं कला संकाय के शिक्षकों को जिले से बाहर जाने विवश नहीं होना पड़ता। जैसे कि श्रवण सिंह सिदार मुंगेली जिले में जाने विवश हुए हैं।प्राथमिक शाला की बात करें तो कन्या शाला टेमर में प्रधान पाठक सहित तीन शिक्षक पदस्थ थे जिसमें से एक शिक्षक को अतिशेष सूची में शामिल किया गया था उन्हें अन्यत्र पदस्थापना दी गई है परन्तु बाद में एक प्रधान पाठक को पुनः उसी शाला में पदांकित कर दिया गया है इस प्रकार एक प्राथमिक शाला में दो प्रधान पाठक पदस्थ हो गये हैं और जहां से अतिशेष निकाले गए वहीं फिर दूसरे को पदस्थापना दिया गया है और प्राथमिक शाला सिंगनसरा में 132बच्चे दर्ज हैं वहां 30के मापदंड में पांच शिक्षकों की पात्रता है परन्तु एक और पदस्थापना कर दिया गया है। जिले में सेजेस स्कूलों से दो प्राचार्य अतिशेष घोषित किए गए थे परन्तु सेजेस अड़भार से ब्याख्याता को अतिशेष घोषित कर संबंधित प्राचार्य सुखीराम सिदार को अतिशेष सूची में शामिल नहीं किया यह जानते हुए कि इनके द्वारा न तो प्रतिनियुक्ति के लिए समय पर आवेदन दिया गया है और न ही इनकी प्रतिनियुक्ति हुई है। जिले में लगभग 80%हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूल प्राचार्य विहीन हैं जिसमें एक दर्जन स्कूल ऐसे हैं जो आहरण अधिकार वाले स्कूल हैं जिसमें पोरथा, नंदौरकला भी शामिल हैं परन्तु काऊंसलिंग में जाजंग और देवरी दो ही स्कूल जो आहरण अधिकार स्कूल भी नहीं है उन्हें दिखाया गया था और इस प्रकार 15वर्ष अनुभवी प्राचार्यों को आहरण अधिकार प्राप्त स्कूल जहां उनकी ज्यादा आवश्यकता थी चुनाव का अवसर नहीं दिया गया।इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग किया है। ज्ञात हो कि इसी प्रकार की गड़बड़ी के कारण अभी तक पांच बीईओ निलंबित किए जा चुके हैं।आयुक्त बिलासपुर ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है अब देखना ये है कि आगे क्या कार्यवाही की जाती है सभी जनमानस को इसका इंतजार रहेगा।