सक्ती

सक्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महासफाई अभियान

सक्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महासफाई अभियान kshititech

सक्ती –  सक्ती के 50 बिस्तर वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आज जिला प्रशासन और नगर पालिका के संयुक्त तत्वावधान में एक महासफाई अभियान चलाया गया। इस दौरान अधिकारियों, कर्मचारियों और कुछ जनप्रतिनिधियों ने झाड़ू उठाकर सफाई करते हुए स्वच्छता का संदेश दिया। अभियान का उद्देश्य अस्पताल परिसर में फैली गंदगी को साफ कर मरीजों को बेहतर वातावरण देना था। हालांकि, यह अभियान सिर्फ सतही सफाई तक ही सीमित रह गया, जबकि अस्पताल की अंदरूनी व्यवस्था और मरीजों की गंभीर समस्याओं की ओर न तो कोई ध्यान गया और न ही कोई ठोस कार्रवाई होती दिखी। मरीजों की समस्याएं गंभीर, बदबू और भ्रष्टाचार से त्रस्त व्यवस्था अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले कई मरीजों और उनके परिजनों ने आरोप लगाए कि यहां डॉक्टरों द्वारा अशिष्ट व्यवहार, इलाज के नाम पर अवैध वसूली, और बिना इलाज निजी अस्पतालों में रेफर करने जैसी समस्याएं आम हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। दवाएं अक्सर उपलब्ध नहीं होतीं, और मरीजों को बाहर से महँगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं, जबकि यह एक जन औषधि केंद्र है। साथ ही बदबू और गंदगी इतनी अधिक है कि कई बार अस्पताल परिसर में कुछ मिनट खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है।
एक स्थानीय नागरिक ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “यहाँ कुछ डॉक्टरों की निजी अस्पतालों से सेटिंग है। मामूली बुखार या दर्द की शिकायत लेकर जाने वाले मरीजों को भी निजी क्लिनिक भेजा जाता है, और डॉक्टरों को वहां से कमीशन मिलता है।”
जनप्रतिनिधि मौन, सोशल मीडिया तक सीमित है सक्रियता अस्पताल की इन गंभीर समस्याओं को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है। जहां सत्ताधारी दल के कुछ नेता सफाई अभियान में सिर्फ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर प्रचार करते नजर आए, वहीं विपक्षी नेताओं की ओर से भी जनता की आवाज़ को उठाने में कोई प्रभावी पहल नहीं की गई।
स्थानीय जनता का कहना है कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही दलों के नेता अस्पताल की समस्याओं पर गंभीर नहीं हैं। जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रहीं, लेकिन नेताओं को इसका कोई सरोकार नहीं।
जनता की मांग: हो निष्पक्ष जांच, कलेक्टर करें औचक निरीक्षण स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि स्वच्छता के साथ-साथ अस्पताल में उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति गठित की जाए। साथ ही, कलेक्टर  टोपनो से यह अपेक्षा जताई गई है कि वे समय-समय पर औचक निरीक्षण कर खुद स्थिति का जायजा लें और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।