सक्ती

आवास संबंधी एक भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर पाया सक्ती का हाउसिंग बोर्ड संभागीय कार्यालय

सक्ती –  सक्ती क्षेत्र एवं सक्ती जिले की जनता को छत्तीसगढ़ शासन गृह निर्माण मंडल की आवास संबंधित योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ दिलाने के उद्देश्य से इस विभाग के संभागीय कार्यालय का शुभारंभ शक्ति विकासखंड के ग्राम सुआडेरा में 19 मई 2023 को हुआ था, एवं इस उद्घाटन अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष एवं स्थानिय विधायक डॉ चरण दास महंत तथा कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत सहित अनेको जन प्रतिनिधि एवं कांग्रेस के नेता मौजूद थे,तथा आज लगभग इस कार्यालय की स्थापना को 3 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं, किंतु देखा जाए तो इस कार्यालय ने आज तक कोई भी जनहित के एवं आवास संबंधी प्रोजेक्ट पर काम करने में सफलता हासिल नहीं कर पाई है, जिले की तत्कालीन आईएएस कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने इस विभाग को जहां आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करते हुए जिले के अनेकों स्थानों पर विभिन्न निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी भी सौंपी,किंतु इस विभाग द्वारा सिर्फ निर्माण कार्यों में ही रुचि दिखाते हुए वहीं तक सीमित रहे किंतु इस विभाग की स्थापना एवं इसके गठन का मूल उद्देश्य छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यही था कि शहरों में गरीब परिवारों एवं आवास हीन लोगों के लिए शासन की मंशानुरूप आवास का निर्माण करना एवं उचित स्थान का चयन कर वहां लोगों को लिए मकान उपलब्ध करवाना प्रमुख था, किंतु आज ऐसा लगता है कि यह विभाग अपने उद्देश्यों से भटक गया है तथा सक्ती जिले का यह कार्यालय सिर्फ सरकारी भवनों के निर्माण में ही रुचि रखता हैं, एवं विभाग के उच्च अधिकारी भी ऐसे जनकल्याणकारी प्रोजेक्ट बनाने की बजाय निर्माण कार्यों तक ही सीमित होकर रह गए हैं सक्ती जिले के सुआडेरा में स्थापित छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के संभागीय कार्यालय को भी देखकर कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है, इस कार्यालय में बाकायदा कार्यपालन अभियंता की नियुक्ति की गई है, एवं उनके अधीनस्थ एक DA साहब,दो एसडीओ एवं अन्य सब इंजीनियर सहित पूरी टीम है, किंतु इतना भारी भरकम सेटअप होने के बावजूद विभाग के अधिकारी यही कहते हैं कि हमारे पास कोई काम नहीं है, कोई प्रोजेक्ट नहीं है, आज तत्कालीन कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने सक्ती के बुधवारी बाजार क्षेत्र में भारी तोड़फोड़ करने के बाद वहां की खाली हुई सारी जमीनों को छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल संभागीय कार्यालय सक्ती को विधिवत्त हस्तांतरित कर दिया है, ऐसी जन चर्चा है, तथा इसकी जानकारी विगत दिनों सक्ती नगर पालिका के नवनिर्वाचित अध्यक्ष द्वारा जिले के कलेक्टर साहब अमृत विकास टोपनो से मुलाकात के दौरान भी पता चली थी कि नगर पालिका अध्यक्ष जी ने बुधवारी बाजार क्षेत्र की जमीनों को छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल से वापस नगर पालिका को दिलाने की मांग की थी, तथा आज छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के पास करोड़ों अरबो रुपए की जमीन होने के बाद भी इस जमीन के सदुपयोग करने की दिशा में यह विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है,खाली एयर कूल्ड दफ्तरों में बैठकर विभाग के अधिकारी अपना समय खराब कर देते हैं, एवं जनहित की एवं जन कल्याण की ऐसी स्थाई योजनाओं में ध्यान क्यों नहीं देते,यह तो समझ से परे है, वहीं दूसरी ओर जिले के कुछ स्थानों पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के माध्यम से किये जा रहे निर्माण कार्यों में भी लोगों का कहना है की गुणवत्ता के अनुरूप काम नहीं हो रहा है, तथा कमीशन खोरी भी जमकर चलती है, तो आखिरकार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसे संभागीय कार्यालय की स्थापना का उद्देश्य क्या है, वर्तमान स्थिति को देखकर तो ऐसा लगता है कि इस संभागीय कार्यालय को वापस अन्य कार्यालय में मर्ज कर देना चाहिए, तथा छत्तीसगढ़ विधानसभा के तात्कालिन अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत के प्रयासों से जनता को मिला यह कार्यालय वर्तमान स्थिति को देखकर कोई काम का नजर नहीं आता तथा कई बार तो ऐसा सुनने को मिलता है कि इस कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए भी विभाग के पास पैसा नहीं है, तथा अगर वास्तव में यह स्थिति है तो छत्तीसगढ़ शासन को हमारा यह व्यक्तिगत सुझाव है कि तत्काल अविलंब इस कार्यालय को अन्य कार्यालय में मर्ज करें तथा शासन को हो रहे इस नुकसान से बचाया जा सके इस दिशा में पहल करनी चाहिएउल्लेखित हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में तत्कालीन डॉक्टर रमन सिंह की सरकार में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का गठन सिर्फ इन्हीं उद्देश्यों को लेकर किया गया था कि प्रदेश में शहरी क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों को एवं गरीब परिवारों को आवास बनाकर दिया जा सके तथा तत्कालीन समय में प्रदेश में पहले छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष के रूप में सुभाष राव की नियुक्ति की गई थी एवं सुभाष राव के समय प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस विभाग ने गरीब परिवारों के लिए योजनाएं भी बनाई एवं अन्य कई स्थान पर हाउसिंग बोर्ड की कालोनियां तथा मकान आज भी लोगों के काम आ रहे हैं, किंतु तत्कालीन डॉ रमन सिंह की सरकार के बाद हाउसिंग बोर्ड का काम धीरे-धीरे विस्तारित होने की बजाय सीमित होकर रह गया, तत्कालीन समय में जांजगीर चांपा जिले में भी वर्तमान कलेक्टर कार्यालय के बगल में हाउसिंग बोर्ड की बड़ी कॉलोनी स्थापित की गई थी, जिसमें आज रईसों से लेकर गरीबों तक लोग रह रहे हैं,एवं इस विभाग द्वारा बनाए गए मकान का लाभ ले रहे हैं, अविभाजित जांजगीर चांपा जिले के समय भी तत्कालीन छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी एवं गृह निर्माण मंडल के डायरेक्टर इंजीनियर धनंजय शर्मा चाम्पा की पहल पर सक्ती ब्लॉक में भी अटल आवास योजना के लिए पहल की गई थी,किंतु आज तक इस अटल आवास योजना को गति नहीं मिल पाई एवं सक्ती जिले का गठन हुए भी लगभग 3 साल व्यतीत होने को हैं एक भी जन कल्याण की योजना नजर नहीं आ रही है, तो आखिरकार जनता को इस विभाग के गठन का क्या फायदा, वहीं दूसरी ओर आज गृह निर्माण मंडल के कामों की सबसे ज्यादा जरूरत सक्ती शहर को दिखाई पड़ती है, साल 2012 में तत्कालीन IAS एसडीएम कार्तिकेय गोयल के निर्दर्श पर प्रशासन ने शहर के टेलीफोन एक्सचेंज से लेकर कसेर पारा तक जबरदस्त अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया, जिसमें सैकड़ो की संख्या में मकान एवं दुकाने तोड़ दी गई तथा उस समय भाजपा की सरकार थी एवं शासन ने अतिक्रमण से प्रभावित लोगों को विस्थापन की बात कही थी, उसके बाद फिर साल 2022 में तत्कालीन सक्ती जिले की IAS कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के निर्देश पर भी बुधवारी बाजार में एकाएक भारी तोड़फोड़ करवा दी, जिससे सैकड़ो परिवार प्रभावित हुए, किंतु उनके भी आज तक विस्थापन की दिशा में कोई पहल नहीं हुई तथा ऐसे लोगों को आवास एवं दुकान उपलब्ध करवाने की बजाय खाली हुई जमीनों को भी छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल सहेज कर नहीं रख पा रहा है, तथा अतिक्रमण से प्रभावित परिवार एवं दुकानदार आज भी शासन एवं जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे हैं, विगत दिनों नगर पालिका सक्ती के चुनाव में सभी राजनैतिक दलों ने ऐसे अतिक्रमण से प्रभावित लोगों को विस्थापन की गारंटी दी है, तथा नगर पालिका सक्ती में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत कर आने वाले नगर पालिका अध्यक्ष ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप लोगों को दुकाने काम्प्लेक्स के माध्यम से उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है, किंतु अब यह आने वाला समय ही बताया कि अतिक्रमण से प्रभावित लोगों को क्या कोई राहत मिल पाती है