सक्ती

बहुचर्चित सरपंच हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

सक्ती – अपर सत्र न्यायालय के अतिरिक्त लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 13.12.2021 को नरेश सिंह सिदार ने थाना मालखरौदा में रिपोर्ट दर्ज कराया की उसकी पत्नी भगवती राज वार्ड क्रमांक 9 की पांच है ग्राम छोटे रबेली के शासकीय भूमि लगभग 52 एकड़ पर गांव के कुछ लोग अतिक्रमण कर धान का फसल लगाए हैं जिस पर ग्राम पंचायत भुतहा के सरपंच द्वारिका प्रसाद चंद्रा द्वारा तहसील कार्यालय में आवेदन दिया है तथा ग्राम पंचायत भुतहा द्वारा उक्त भूमि पर लगाए गए अवैध धान फसल की कटाई एवं फसल जपती के नियमानुसार कार्रवाई हेतु पंचायत प्रस्ताव पारित किया था दिनांक 13. 12. 2021 को सहयोग हेतु तिथि निर्धारित किया गया था परंतु दिनांक 12. 12. 021 के सुबह 9:30 बजे बेजा कब्जाधारियों द्वारा अचानक फसल को काट रहे थे जिसकी सूचना तहसीलदार मालखरौदा को दिया गया जिस पर तहसीलदार द्वारा डायल 112 को कॉल कर बुलाने हेतु बोला गया। सरपंच द्वारिका प्रसाद ने डायल 112 को कॉल किया और उसे एवं उसके गांव के पच श्याम कुमार सोनी कोटवार घासीराम को फोन कर क्रिकेट मैदान पहुंचने के लिए बोला गया। जब डायल 112 उसके गांव के क्रिकेट मैदान के पास रोड में पहुंचा इस समय अतिक्रमणकारियों छत राम काटले, अमृत मधुकर, बोर्राउर्फ रामकिशन मधुकर, लोकनाथ काटले, सोनू, अमृत मधुकर का लड़का संजय, फूलचंद मधुकर, पलटन एवं अन्य बेजा कब्जाधारी वहां पर उपस्थित थे, कुछ समय बाद सरपंच द्वारिका प्रसाद, कोटवार घासीराम, विक्रम प्रताप मरावी, श्याम कुमार सोनी आए तब डायल 112 वाले जाकर पूछताछ करने लगे। सरपंच द्वारा तहसीलदार द्वारा सुपुर्द नामा आदेश के प्रति को दिखा रहे थे तभी अचानक एक राय होकर पुरानी रंजीत रखते हुए सरपंच को मां बहन की गंदी-गंदी गाली गलौज करते हुए तुम कौन होते हो धान कटाई करने से मना करने वाले कह कर अपने हाथों में रखें लाठी, डंडा लोहे की रॉड से बोर्रा , उसका लड़का सोनू ,अमृत मधुकर, छत राम, लोकनाथ, संजय, पलटन गणेशाराम, गंगाराम, बुडगा, फूलचंद द्वारा सरपंच द्वारिका प्रसाद को जान से मारने की नीयत से ताबड़तोड़ हमला कर दिए। सरपंच हर समय गांव में पुलिस को बुलाता है इसे मारो मारो कह कर चिल्लाते हुए हमले को देखकर वे लोग एवं डायल 112 वाले मारपीट करने वालों से सरपंच को छुड़ाने की कोशिश करने लगे तो बेजा कब्जाधारी लोग उन्हें एवं डायल 112 वालों को भी जान से मार देंगे का कर धमकी दिए तो वे लोग कुछ दूर चले गए, गांव के अन्य लोग के इकट्ठा होने पर घटनास्थल के पास जाकर देखें सरपंच द्वारिका प्रसाद घायल पड़ा था उसका दाहिना पैर टूट गया था शरीर में जगह-जगह गंभीर चोट के निशान थे शरीर से खून बह रहा था। मालखरौदा पुलिस पहुंचकर सरपंच को डायल 112 के गाड़ी में इलाज के लिए मालखरौदा अस्पताल ले गए। सरपंच की गंभीर स्थिति को देखते हुए सिम्स अस्पताल बिलासपुर ले जा रहे थे की ग्राम सकर्रा के पास सरपंच की मृत्यु हो गई। उक्त सूचना पर थाना मालखरौदा में मार्ग क्रमांक 85/21 अपराध क्रमांक 385 /21 पंजीबद्ध किया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर धारा 147,148, 149, 506, 302, 186, 188, 427, 332 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत आरोपी लोग के विरुद्ध चालान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मालखरौदा में पेश किया गया ऊपरपण पश्चात अपर सत्र न्यायालय सक्ती में यह केस चला। अभियोजन ने कुल 21 गवाह को न्यायालय में पेश कर उनका बयान करवाया है। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात दिनांक 5.9.2024 को द्वितीय अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी बी.आर. साहू साहब ने दिनांक 5.9.2024 को फैसला सुनाते हुए आरोपी रामकिसन उर्फ बोरा, अमृत, पलटन, लक्ष्मी प्रसाद, संजय, छतराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 147/ 149 के अपराध के लिए एक वर्ष के सश्रम कारावास और 500 रुपए के जुर्माना से तथा धारा 148 /149 अपराध के लिए 2 वर्ष के सश्रम कारावास और 1000 रुपए के जुर्माना से तथा धारा 302 /149 के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 2000रू .के जुर्माना से दंडित किया है। शासन की ओर से ऋषिकेश चौबे एवं दुर्गा प्रसाद साहू अपर लोक अभियोजक ने पैरवी  किया।