शासन,प्रशासन,चुनाव आयोग सोता रहा और पूरी रात बंटते रहे पैसे

सक्ती । नगरीय निकाय चुनाव का मतदान दिवस आ गया है आज 11 फरवरी 2025 को सक्ती के नगर पालिका अध्यक्ष के साथ पूरे 18 वार्ड के पार्षद पदों का भी मतदान हुआ है मतदान पूर्व पूरी रात कई प्रत्याशियों द्वारा पैसे बांटे गए परंतु शासन और प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सक्ती नगर पालिका अध्यक्ष के लिए वोट करने पर मतदाताओं को 1000 से 1500 रुपए तक नगद दिए गए हैं इसके अलावा इस चुनाव में एक नया फंडा नजर आया प्रत्याशी द्वारा नगद राशि देने के बाद जीतने पर अलग से पैसे देने का वादा किया गया है अगर प्रत्याशी विजयी होता है तो मतदाता को 500 से 1000 रुपए तक बाद में देने की बात की गई है बाद के पैसे की गारंटी स्वरूप उन्हें टोकन तथा टोकन के रूप में 10 रूपए का नोट भी दिया गया है। अगर उनके प्रत्याशी जीते हैं तो वह टोकन या 10 रूपए का नोट देने पर उन्हें 500 से 1000 रूपए तक बाद में मिल सकते हैं । इसके अलावा कई वार्ड में पार्षद पद के प्रत्याशियों द्वारा भी 500 से 3000 रूपए तक प्रति वोट की दर से पैसे बांटे गए हैं। पूरी रात यह कार्य नगर के लगभग सभी वार्डों में चला रहा परंतु आश्चर्यजनक बात यह है कि है पूरी मुस्तैदी से चुनाव कराने का दावा करने वाले चुनाव आयोग एवं शासन प्रशासन को इस बात की हवा भी नहीं लगी अब यहां सोचने वाली बात है की क्या नोट बांटने वाले लोग चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब हुए हैं या फिर चुनाव आयोग और शासन प्रशासन ने स्वयं अपनी आंखें बंद कर ली है।
इस साल के चुनाव की एक बात और खास रही आम जनता में चाहे वह गरीब हो या अमीर हर व्यक्ति को पैसे की लालसा थी कि हम पैसे लेकर ही वोट देंगे और उन्होंने सभी पार्टियों से पैसे लिए ,जिन व्यक्तियों को पैसा नहीं मिल पाया वह पैसे मिलने का इंतजार करते रहे और उसके पश्चात ही वोट डालने गए ।
कारण चाहे जो भी हो परंतु आज की जनता योग्य उम्मीदवार के ना देखते हुए , भ्रष्टाचार का बहिष्कार करने के बजाय केवल पैसे लेने में लगी है तो लेने वाली जनता और देने वाले लोग दोनों ही भ्रष्टाचार के जनक है।