सक्ती

हनुमान लला के साधक धर्मराज को धूप_बरसात की नहीं परवाह

भारतीय संविधान ने हर व्यक्ति को दी है पूजा_ उपासना की स्वतंत्रता… जिसमें छेड़छाड़ कानूनी अपराध… अधिवक्ता चितरंजय पटेल

सक्ती ‌। भारतीय संस्कृति में चिरकाल से साधकों ने भीड़ से दुर एकांत पहाड़अथवा जंगलों को साधना स्थल बनाकर सिद्धि_ शक्ति हासिल किया है और समाज जनों को अपने आध्यात्मिक शक्तियों का लाभ दिया है ।
सर्वविदित है कि हर युग में संन्यासी, ऋषि मुनियों के साधना को तथाकथित धर्म विरोधी तत्वों से बाधा भी पहुंची है यही बात ग्राम डेरागढ़ का हनुमान भक्त धर्मराज के लिए चरितार्थ हुई है जो आत्म प्रेरणा से एकांत साधना के ध्येय से १७ नवंबर २०२४ को पंडरिया के जंगल में बैगीन बैगा देव स्थल के समीप खुले आसमान के नीचे ३ फुट की ढ़ेलवानी का आसान बना प्राण प्रतिष्ठित हनुमान लला की उपासना में लीन हो गए जिसकी जानकारी पाकर स्वाभाविक रूप से जन आस्था बढ़ती गई तथा सत्यनारायण बाबा (रायगढ़)की तरह मंगल_ शनिवार को आस्था के दरबार में लोग पहुंचने लगे परन्तु नकारात्मक और राक्षसी प्रवृति वाले चंद लोग बाबा के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उपासना स्थल को तोड़ फोड़ कर प्राण प्रतिष्ठित हनुमान लला की मूर्ति सहित बाबा के अन्य समानों को लुट कर ले गए ताकि आस्था का दरबार बंद हो और जंगल में लोग अपनी मनमानी कर सके पर बाबा और श्रद्धालुओं का विश्वास नहीं टूटा अंततः तथाकथित जंगल के संरक्षण का ढोंग का पर्दाफाश हुआ और बाबा को उनका आराध्य हनुमान लला की मूर्ति वापस मिल गई जिसके बाद आज प्रथम शनिवार को आस्था की दरबार में गांव के साथ शहर के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए ।
इन पलों में मीडिया के द्वारा उपस्थित श्रद्धालुओं एवं जन प्रतिनिधियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबा धर्मराज समीपस्थ ग्राम डेरागढ़ का निवासी है तथा दैवीय प्रेरणा से पंडरिया जंगल में उपासना में लीन हैं ।
इस संबंध में उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने कहा कि हमारे संविधान ने सबको पूजा _ उपासना की व्यक्तिगत स्वतंत्रता दी है जिसमें छेड़ छाड़ कानूनी अपराध है इसलिए बाबा धर्मराज और उसके उपासना में बाधक लोगों के खिलाफ कानूनन दोषी मानकर कार्यवाही भी हो सकती है। आज मंगलवार के दरबार में श्री सिद्ध हनुमान मंदिर परिवार सक्ती के सदस्यगणों के साथ मिडिया के गांव और शहर के लोग, खासकर महिलाओं की भारी उपस्थिति रही ।