जिला चावल उद्योग संघ ने कस्टम मिलिंग संबंधी समस्याओं के संबंध में कलेक्टर के नाम जिला खाद्य अधिकारी , जिला विपणन अधिकारी को सोपा ज्ञापन

सक्ती – जिला चावल उद्योग संघ को शासन द्वारा निर्धारित वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग के संबंध में निर्धारित बनाए गए नियम कायदे में बहुत सी कमियां समस्याओं के बारे में शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करवाया है। इसके लिए उन्होंने आज 20 नवंबर बुधवार को जिला खाद्य अधिकारी , जिला विपणन अधिकारी को ज्ञापन सोपा है , इसके पूर्व जिले के सभी मिलरो ने एक आवश्यक बैठक करते हुए सर्वसम्मति से विचार विमर्श करते हुए निर्णय लिया ।
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत कष्टम मिलिंग का कार्य शामिल है, परन्तु कस्टम मिलिंग पालिसी में ऐसी बहुत सी कमियां है जिसकी वजह से आज मिलरो के द्वारा कष्टम मिलिंग कार्य करने में असमर्थता दिखाई पड़ रही है जैसे पूर्व वर्षों के लंबित भुगतान (वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक):1. 2021-22 का बचत यूजेस चार्ज, नान और एफसीआई फ़ॉर्टिफ़ाइड राशि ,2. 2022-23 का बचत 60 रू क्विंटल ,3. 2022-23 यूजेस चार्ज जमा बारदाना में ,4. 2022-23 नान और एफसीआई ट्रांस्पोर्टिंग एसएलसी की दर से , 5. 2023-24 एग्रीमेंट की डेट सेंट्रल पुल में जमा चावल की डेट के समान होनी चाहिए,
6. 2023-24 चावल ट्रांस्पोर्टिंग और धान ट्रांस्पोर्टिंग एसएलसी की दर से भुगतान, 7. 2023-24 प्रोत्साहन राशि 120 रू क्विंटल,
8. 2023-24 नान और एफसीआई फ़ॉर्टिफ़ाइड राशि, 9. 2023-24 बारदाना यूजेश चार्ज जमा बारदाना में उपरोक्त भुगतान अप्राप्त होने के कारण मिले अभी आर्थिक तंगी से गुजर रही है ।
मिलरो ने इस संबंध में शासन प्रशासन को कुछ सुझाव भी दिए हैं –आगामी वर्ष की कस्टम मिलिंग पॉलिसी (वर्ष 2024-25):
कस्टम मिलिंग नीति 2024-25 की कंडिका 5.1 के अनुसार मीलिंग चार्ज प्रोत्साहन 60 रू क्विंटल जिसको 120 करना चाहिए ।
कस्टम मिलिंग नीति 2024-25 की कंडिका 10.5. के अनुसार पेनल्टी धान उटाव के बाद 15 दिन में स्टैक का आवेदन नहीं करने में 15/- रू क्विंटल को हटाना ।
कस्टम मिलिंग नीति 2024-25 की कंडिका 10.5. के अनुसार स्टैक मिलने के बाद 20 दिन में चावल जमा नहीं करने पर 15/- रू क्विंटल पेनल्टी को हटाना ।
कस्टम मिलिंग नीति 2024-25 की कंडिका 5.4 के अनुसार सेंट्रल पुल में 100% चावल जमा समस्त मिलर से उसको एग्रीमेंट करने वाले मिलर का 100% चावल जमा करवाना ।
.. कस्टम मिलिंग नीति 2024-25 की कंडिका 9.5 के अनुसार समिति स्तर पर धान उठाव के बाद स्कन्ध में कमी की जिम्मेदारी मिलरों पर होना तर्कपूर्ण नही है, ये शर्त हटनी चाहिए ।
सीसीटीवी कैमरे की शर्त हटनी चाहिए (यह व्यक्तिगत निजता के विपरीत है) ।
एसएलसी की दर से चावल भाड़ा और धान भाड़ा मिलना चाहिए।
अन्य समस्या संबंधी सुझाव..
समिति स्तर पर धान लोडिंग के बाद धर्मकांटे वजन के अनुसार D.M. पर्ची जारी की जाए, जिससे कि वास्तविक वजन का धान मिलो में आ सके (अन्यथा की स्थिति में मिलो में आये धान की शॉर्टज का समितियों द्वारा निपटारा नहीं के बराबर होता है।
धान की खरीदी शासन द्वारा तय नमी सीमा 17% के अंदर समितियों द्वारा की जानी चाहिए, जिससे कि धान उठाव के पश्च्यात मिलो में स्टेक लगने पर भी धान की क्वालिटी लंबे समय तक खराब न हो। FCI एवं NAN में रेक/उठाव की व्यवस्था सतत बनी रहे जिससे कि मिलरों को स्टेक मिलने में आसानी हो एवं उठाव किये गए धान को जल्द से जल्द जमा किया जा सके। आज इस अवसर पर सतीश अग्रवाल ,दिनेश शर्मा,गौरीशंकर अग्रवाल ,रवि जिंदल ,राधेश्याम अग्रवाल पवन अग्रवाल, शैलेष शर्मा ,सचिन कुमार गर्ग ,दीपक अग्रवाल ,संदीप अग्रवाल,राजेश शर्मा ,सुशील अग्रवाल ,प्रखर अग्रवाल ,नंदलाल अग्रवाल ,कमल अग्रवाल ,मनीष अग्रवाल सहित शक्ति जिले में संचालित राइस मिल के संचालक अधिक संख्या में उपस्थित थे।
बहरहाल जिले में संचालित राइस मिलरो के द्वारा लिए गए सर्वसम्मति के निर्णय से शासन प्रशासन की समस्याएं बढ़ सकती है, जिसका खामियाजा कहीं ना कहीं जिले के किसानों को भुगतना पड़ सकता है।