सक्ती

नाबालिक किशोरी को अश्लील वीडियो बनाने पर मजबूर करने वाले  आरोपी को   4  वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा

सक्ती – फास्ट ट्रैक  कोर्ट शक्ति के विशेष न्यायाधीश बी आर साहू  ने   नाबालिग बालिका  के साथ लैंगिक आशय से उत्पीड़न करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक साधन से उसकी अश्लील वीडियो बनाकर भेजने का प्रस्ताव देने वाले तथा नाबालिक बालिका को उत्पीड़न कारित करने के आशय से उसके शरीर का अश्लील वीडियो भेजने की धमकी देकर उसके शरीर का अश्लील फोटो प्रदर्शित करवाने एवं नाबालिक किशोरी से अश्लील वीडियो को टेलीग्राम के माध्यम से अपने मोबाइल फोन पर प्राप्त करते हुए नाबालिक बालिका का उपयोग अश्लील प्रयोजन के लिए करने वाले आरोपी के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह  से परे प्रमाणित पाए जाने पर   आरोपी को  4   वर्ष की सश्रम   कारावास की सजा  एवं अर्थदंड से दंडित करने का निर्णय पारित किया है। विशेष लोक अभियोजक पोक्सो राकेश महंत  ने बताया कि  14 वर्ष 6 माह की नाबालिक अभियोक्त्री  को   आरोपी ने बोला था कि तुम अपने अश्लील वीडियो बनाकर मेरी मोबाइल में भेजना और उसे यह भी बोला था कि यदि तुम अपनी अश्लील वीडियो बनाकर नहीं भेजोगे तो मैं  जहर खाकर मर जाऊंगा । जिसके कारण नाबालिक बालिका ने अपनी अश्लील वीडियो बनाकर अपने घर के मोबाइल से अश्लील वीडियो को आरोपी के मोबाइल में भेजी थी । नाबालिक बालिका के पिता को अश्लील फोटो वीडियो की जानकारी होने पर नाबालिक बालिका से पूछताछ करने पर उसने संपूर्ण बातें अपने पिता को बता दी । उसके पश्चात आरोपी के खिलाफ थाना शक्ति  में घटना की रिपोर्ट  दर्ज कराया  । थाना शक्ति द्वारा आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय शक्ति में पेश किया गया था     ।  विशेष न्यायालय फास्ट्रेक कोर्ट  शक्ति  ने उभय पक्षों को पर्याप्त समय अपने पक्ष रखने के लिए  देने के पश्चात तथा अभियोजन एवं अभियुक्त पक्ष के अंतिम तर्क श्रवण करने तथा संपूर्ण विचारण पूर्ण होने  के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया। अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से प्रमाणित कर दिए जाने पर विशेष न्यायाधीश बी आर   साहू ने आरोपी अभिषेक उर्फ राजा देवांगन पिता भोलाराम देवांगन उम्र 21 वर्ष को भारतीय दंड संहिता की धारा  509 ख, के    अपराध के लिए 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹5000 रुपए के अर्थ दंड तथा  लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अपराध के लिए  2  वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹ 5000 रुपए के अर्थदंड  एवं पोक्सो एक्ट की धारा 14 (1) के अपराध के लिए   4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।अभियोजन  की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक राकेश महंत ने किया ।