सक्ती

पिता की हो चुकी थी मौत, माँ की जगह घर में मंझली बहन का था दबदबा, वह अपने आप को मुखिया और गुरु मानती थी, दोनों भाई करते थे विरोध इसीलिए हटाया रास्ते से

इस कृत्य में मां भी थी शामिल, छोटा भाई बात मानता था इसलिए छोड़ा
तांदुलडीह की घटना में अंधविश्वास ने ले ली दो युवकों की जान
मां, बहने और भाई जेल दाखिल

सक्ती – तांदुलडीह में दो भाईयों की हत्या उनकी अपनी ही बहन ने भाई और मां की मौजूदगी में की थी। मिली जानकारी के अनुसार वे सिद्धी कर रहे थे। उनको पहले जहरीले पदार्थ से मूर्छित किया फिर मोटे कंबल से उनका दम घोट दिया। जिससे दोनों भाईयों की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार फिर अपनी मंत्र साधना से वे दोनों को पुनर्जीवित करने का का ढोंग कर रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार 16 अक्टूबर को पूजा पाठ कर साधना कर रहे एक परिवार के दो भाईयों की मौत का मामला सामने आया था। दो दिनों के बाद काफी उलझी हुई गुत्थी में पुलिस को भी तह तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। परिवार के 6 सदस्य शरद पूर्णिमा के दिन से साधना कर रहे थे। जिसमें मृतकों की मां कीरित बाई, बहन अमरिका व बद्रिका तथा उसका भाई विशाल व विक्रम (मृतक) तथा विक्की (मृतक) घर में थे। दूसरे दिन सुबह विक्रम और विक्की की मौत की खबर मिली तब से उसके परिवार के अन्य सदस्यों को पुलिस की निगरानी में रखा गया था। पीएम रिपोर्ट आने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि पहले तो दोनों भाईयों को स्लो पॉयजन दिया गया है। उसके बाद जब वे बेहोश हो गए हैं तब उनको मोटे कपड़े जैसे कंबल या तकिए से उनका मुंह दबाकर उनकी हत्या कर दी गई है। चिकित्सकों के अनुसार उनके पेट में अधपचा भोजन मिला था। इसके अलावा आरोपियों ने केमिकल युक्त गंध की मृतकों को सुंघाया था। जहर के अंश दोनों मृतकांें के शरीर में मिले थे। तो इसलिए मारा-
अंधविश्वास ने एक परिवार के दो चिरोगों को बुझा दिया। वे अपने गुरूदेव की अंधभक्ति में इतने लीन हो चुके थे कि वे सिद्धी करना चाहते थे। सभी परिवार वालों ने पहले तो अपने आप को घर में बंद कर लिया फिर दोनों भाईयों को ये विश्वास दिलाया कि वे उन्हें मूर्छित करेंगे उसके बाद उन्हें वापस होश में ले आएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सभी की मौजूदगी में उनका दम घोंट दिया गया। अपनी अंधभक्ति में लीन दोनों बहने मां और एक भाई साधना कर दोनों को वापस जगाने में लगे रहे लेकिन सुबह जब लोग पहुंचे तो वे उन्हें इसीलिए चिल्ला रहे थे कि उनकी सिद्धी में किसी प्रकार का खलल न डले। आरोपी चारों लोग एक बात बार बार कहते रहे कि अगर पुलिस ने उनकी सिद्धी में खलल न डाला होता तो वे उन्हें जिंदा कर लेते।
परिवार की मुखिया बन गई थी मंझली बहन-
जिस गुरूदेव को वे सभी मानते थे। उनकी भक्ति परिवार के चार सदस्यों के अंदर इस कदर छाई हुई थी कि मंझली बहन अमरिका अपने आप को मुखिया/गुरू मानने लगी थी। वह सभी को अपने अनुसार चलने के लिए कहती थी। बताया जा रहा है कि वह सभी पर इस बात का दबाव बनाती थी कि वे उसके अनुसार ही पूजा पाठ व साधना करें। संभवतः मृतक दोनों भाई विक्रम व विक्की दोनों उसकी इस अंधभक्ति का विरोध करते थे इसलिए मुखिया बहन ने उन्हे रास्ते से हटाने का निर्णय लिया था लेकिन बाकि सदस्यों को उसने ये बोलकर विश्वास में लिया कि वह उन्हें सिद्धी से वापस जिंदा कर देगी।
न्यायालय में पेश फिर जेल दाखिल –
शनिवार की देर शाम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों कीरित बाई, अमरिका, बद्रिका और विशाल को बाराद्वार थाने लाया गया था। हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद सभी का एमएलसी भी कराया गया। इसके बाद उन्हें पेश करने के लिए न्यायालय लाया गया जहां से न्यायिक रिमाण्ड पर भेज दिया गया है पुलिस को दो शव बरामद किया गया था। पुलिस ने मर्ग कायम किया। दोनों भाईयों के शरीर में जहर के अंश मिले। पूछताछ करने पर यह तथ्य सामने आया कि अंधविश्वास के कारण की दोनों भाईयों की हत्या उनके अपने ही परिजनों के द्वारा की गई है। चारों को न्यायालय में पेश किया गया।