रक्षा बंधन सबसे बड़ा त्यौहार है… गीत से गूंजा दृष्टि बाधित स्कूल

ब्रम्हाकुमारिज ने दिव्यांगों को बांधा रक्षा सूत्र…
सक्ती । दृष्टिबाधित बच्चों को हम इतना अपनापन दें कि वे दुनिया की खूबसूरती को हमारी नज़रों से निहार कर आनंद की अनुभूति करें, यह बात दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय के जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष एवम उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने आज विद्यालय के सभागार में रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर उपस्थित अभिभावकों और ब्रह्माकुमारिज तथा विद्यालय परिवार से कहते हुए आग्रह किया कि दृष्टि बाधित दिव्यांग भी समाज के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार दृष्टि बाधित धृतराष्ट्र ने संजय की नजरों से महाभारत को देखा था उसी प्रकार हम दृष्टिबाधित बच्चों को भी अपने नज़रों से सतरंगी दुनिया के खूबसूरत नजारों को दिखाना है ताकि ये प्यारे बच्चे भी जीवन का संपूर्ण आनंद को जी सकें।
इस अवसर ब्रम्हाकुमारिज सेंटर की मधु बहन ने दृष्टिबाधित बच्चों को मेडिटेशन से जीवन में सुख समृद्धि हासिल करने का राज बताते हुए सबके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा प्रतिदिन परम पिता परमात्मा को स्मरण करने का आग्रह किया तो वहीं सरस्वती शिशु मंदिर के पूर्व प्राचार्य चूड़ामणि साहू ने दिव्यांग बच्चो को विशिष्ट प्रतिभा का धनी बताते हुए सबके सफल व सुखमय जीवन की कामना की।
विद्यालय के संस्थापक जसवंत आदिले अभ्यागतों का अभिनंदन किया एवम् संचालिका बिंदेश्वरी आदिले ने अभ्यागतों के प्रति साधुवाद प्रगट किया।
पश्चात ब्रम्हाकुमारिज बहनों ने सभी दृष्टिबाधित बच्चों के साथ शिक्षक_अभिभावक एवम अभ्यगतों को रक्षा सूत्र बांधकर मिठाइयां खिलाई।
भाई बहन के प्रेम के प्रतीक पर्व रक्षा बंधन के इन पलों में विद्यालय परिवार की बसंती, ज्योति महंत, लक्ष्मी सूर्यवंशी, संतोषी कंवर, संतोषी मानिकपुरी, काजल मानिकपुरी की गरिमामय उपस्थिति रही तो वहीं ब्रम्हाकुमारिज बहन सरस्वती के साथ भाई प्रेमशंकर, राजा और राजेश भी शामिल रहे।