सक्ती

नाग पंचमी पर बिरीतिया बाबा मंदिर में 9 अगस्त को लगेगी श्रद्घालुओं की भीड़

ग्राम सरपंच सहित ग्रामीण लगे है नाग पंचमी पर पूजा की तैयारी में

सक्ती/ जैजैपुर‌। बाबा बिरीतिया की पावन धरा ग्राम कैथा में नाग पंचमी के दिन बाबा बिरीतिया का दर्शन करने के लिए श्रद्घालुओं का रेलम पेल भीड़ देखने को मिलता है। ग्राम पंचायत कैथा के पूर्व ग्राम के वरिष्ठ नागरिक श्री कृष्णा प्रसाद खूंटे बताते हैं कि इस दिन श्रद्घालु अपनी मनवांछित फल पाने के लिए सुबह चार बजे से दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती हैं। श्रद्घालुओं की भीड़ बाबा बिरीतिया को दर्शन करने के लिए दूर-दराज के भक्त अपने हाथ में नारियल का फल और अगरबत्ती को लेकर बाबा बिरीतिया का दर्शन करने के लिए टूट पड़ती है। वहीं इस दिन भव्य मेला का आयोजन होने से लोग झूला घर और मिनी चिडिया घर का आनंद उठाते है। साथ ही साथ खिलौने तरह-तरह की दुकान को सजाया जाता है वहीं हर बार की तरह आज भी बाबा बिरीतिया को नागलोक के लिए अपनी अलग पहचान बनाया है। आज भी बाबा बिरीतिया की महत्ता किसी से छिपी नहीं है। इसी कारण से दूर-दराज के श्रद्घालु का तांता लगा रहता है। इस नाग पंचमी के दिन को बाबा बिरीतिया कैथा में सबसे बड़ी यादगार दिन होता है। इसी कारण से बिरितीया बाबा के प्रसिद्घि को देखने के लिए बाहर से भक्तों की भीड़ जुटती है। किवदंतियों के अनुसार एक बार कैथा में नाग सर्प गांव के बाहर एक गड्ढा में नाग सांप किसी चीज को निगल रहा था इसी बीच नाग सांप के जबड़ा मे फंस गया और नाग ने अपने स्तर से जबड़ा के बीच में फंसी चीज को निकालने का काफी प्रयास किया, किन्तु नाग सांप के जबड़ा से हड्डी बाहर नहीं निकल रहा था। और नाग सर्प पीड़ा और दर्द से काफी परेशान था। इसी बीच नाग सर्प ने गौटिया को स्वप्न में कहा गांव के बाहर एक गड्ढा में मेरे जबडा में कोई हड्डी फंस गया और मुझे बहुत परेशानी हो रही है। इतनी बात सुनकर गांव के गौटिया नाग सांप के बताए गड्ढा के पास पहुंच गया और इधर उधर तलाश करने लगा। नाग देवता गौटिया को दिखाई दिए और सर्प को देखकर गौटिया को डर लगा और नाग सर्प ने कहा कि गौटिया डरने की कोई बात नहीं है और गौटिया ने साहस करके नाग सर्फ के जबड़े में फंसी हड़्‌डी को बाहर निकाला। नाग सांप को दर्द से राहत मिला। इतने में नाग सर्प ने गौटिया को कुछ वरदान के लिए कहा परन्तु गौटिया ने मुझे कोई धन सम्पत्ति की जरूरत नहीं है बस मुझे एक वरदान दीजिए कि कोई भी सांप के काटने से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं होनी चाहिए। इस पर नाग सर्प ने गौटिया को वरदान दिया और अंर्तध्यान हो गए तथा गौटिया ने उसी जगह नाग सांप की स्थापना किया और आज ग्रामीणों की सहायता से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। आज बाबा बिरीतिया का नाम लेकर वहां की मिट्टी खाने से सांप पीडित मौत के गाल से वापस लौट आते हैं। इसी कारण दूरदराज के लोग दर्शन करने के लिए नागपंचमी के दिन पहुंचते हैं।