तालाब के अंदर गड़ा हुआ है बिजली का खंबा – एक बड़ी दुर्घटना का संकेत

खतरों का खिलाड़ी सक्ती जिला प्रशासन
सक्ती – सक्ती नगर धर्म की नगरी के नाम से प्रसिद्ध है यहां कभी भागवत पुराण कभी शिव पुराण कभी श्री राम जन्मोत्सव कभी श्री हनुमान जन्मोत्सव शिव बारात आदि बहुत जोर-शोर से मनाया जाता है शहर के लोग बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के हैं एवं धर्म के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं । नगर के हृदय स्थल में प्रसिद्ध महामाया देवी का मंदिर है जिसमें रोजाना सुबह शाम आरती पूजा होती है इस मंदिर में साल में दो बार चैत्र नवरात्रि महोत्सव भी बहुत जोर-शोर से मनाया जाता है नगर के समस्त श्रद्धालु जन इस समय उपवास रखकर मंदिर रोजाना सुबह शाम पूजा अर्चना करने जाते हैं एवं दूर-दूर से भी श्रद्धालु जन पूजा करने आते हैं इस अवसर पर मनोकामना कलश ज्योति की भी स्थापना की जाती है जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों द्वारा मनोकामना ज्योति कलश जलवाया जाता है एवं मां महामाया की पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं छत्तीसगढ़ ही नहीं अन्य राज्यों से भी भक्तजन अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु ज्योति कलश जलवाने के लिए अपना नाम पता मंदिर में दर्ज करवाते हैं सक्ती प्रशासन द्वारा भी पूरे मंदिर की देखभाल समय-समय पर करती रहती है महामाया मंदिर के ठीक सामने एक तालाब है जो दर्री तालाब के नाम से प्रसिद्ध है यहां मंदिर में जो भी भक्त श्रद्धालु पूजा करने आते हैं तो वह इस तालाब में स्नान कर, हाथ पैर धोकर पूजा करने जाते हैं तालाब का जल पूजा कार्य करने हेतु ले जाया जाता है भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए सक्ती जिला प्रशासन द्वारा इस तालाब का कई बार सौंदर्यवीकरण लाखों रुपए खर्च करके करवाया गया है इस तालाब के चारों ओर तालाब के पानी को सुरक्षित रखने हेतु जालीदार बाउंड्री कई बार करवाई गई है तालाब के बीचों बीच फव्वारा भी लगाया गया था एवं कई बार तालाब को व्यवस्थित करने के लिए इंतजाम करने हेतु सरकार ने सरकारी मद से लाखों रुपए के टेंडर भी जारी किए थे परंतु पिछले दो-तीन सालों से प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है तालाब के चारों ओर जितना भी सौंदर्य करण का कार्य किया गया था वह सब टूट गया है तालाब के चारों ओर घरों से नाली का गंदा पानी भी तालाब में गिरता है घरों के जितने भी अपशिष्ट पदार्थ सब तालाब में डालकर पूरे पानी को दूषित कर दिया गया है पानी दूषित होने के वजह से उसका रंग भी हरा हो गया है तालाब में नियमित सफाई नहीं होने के वजह से फूल फल पत्ते जमा होकर पूरे तालाब को दूषित करते हैं प्रशासन द्वारा लाखों रुपए का टेंडर जारी कर तालाब के चारों ओर ठेकेदारों से बाउंड्री बाल बनवाया गया था परंतु बाउंड्री वॉल निम्न घटिया स्तर के मटेरियल इस्तेमाल होने के वजह से तालाब के एक छोर में करीब 100 फुट बाउंड्री वॉल पिछले डेढ़ सालों से टूट कर गिर गया है बाउंड्री वॉल की दीवार टूटने की वजह से आने जाने के लिए जो रोड बनी हुई है वह भी धीरे-धीरे छोटी होती जा रही है जल्द उसमें सुधार नहीं किया गया तो रोड में आवागमन बंद हो जाएगा इन पिछले डेढ़ सालों में पानी के बहाव बार-बार टकराने से मिट्टी और घुलकर बहुत बड़े गढ्ढे के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है उससे लगे हुए रिहायशी मकानों को अपने मकान गिरने का खतरा बढ़ गया है जहां पर बाउंड्री वॉल गिरी हुई है वही पानी के अंदर बिजली का खंबा गड़ा हुआ है यह एक बहुत बड़ी दुर्घटना का संकेत है एक और प्रशासन द्वारा बिजली के खंबो से नागरिकों को हमेशा दो फीट की दूरी बनाए रखने के लिए कहा जाता है परंतु यहां पर तो तालाब के अंदर ही पूरा बिजली का खंबा गड़ा हुआ है यदि किसी भी प्रकार की त्रुटि होने की वजह से खंबे में करंट आ जाता है तो वह पूरा करंट तालाब के पूरे पानी में फैल जाएगा तालाब में रहने वाले जलचर प्राणी एवं तालाब में दैनिक दिनचर्या करने वाले नागरिक गण सारे उस करंट की चपेट में आ जाएंगे तब एक बहुत ही भयानक स्थिति पैदा होगी इससे शासन प्रशासन अनजान है इस बारे में कई बार पिछले साल भर के अंदर समाचार पत्रों में पोर्टल समाचारों में यह खबर छप चुकी है परंतु आज पर्यंत तक किसी भी प्रशासन की अधिकारियों एवं राजनीतिक नेताओं ने इसके बारे में कोई भी प्रकार से सुध नहीं ली है ना इसके बारे में प्रशासन में कोई कदम नहीं उठाया है यह एक बहुत बड़ी दुर्घटना का संकेत है यदि इसमें त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो एक बहुत बड़ी दुर्घटना घट सकती है एवं आम नागरिकों की जान को खतरा है साथ ही सैकड़ो जीव जंतु भी खतरे की कगार में खड़े हैं शासन को ध्यान देकर त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए।