सक्ती

देवशयनी एकादशी पर जहां हिंदुओं ने भगवान विष्णु को पूजा तो वहीं मुसलमानों ने शहादत दिवस मनाया

सक्ती ‌। आज नगर में हिंदू धर्म के लोगों ने जहां देव शयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर धार्मिक आस्था का परिचय दिया तो वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिया निकल कर शहादत दिवस मनाया।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत महत्वपूर्ण है। साल में २४ एकादशी होती हैं पर जब अधिकमास या मलमास आता है तब २६ एकादशी हो जाती है। इसी तारतम्य में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहा जाता है। सूर्य के मिथुन राशि में आने पर इस एकादशी को पद्मनाभा भी कहते हैं। इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ होता है तथा आज से भगवान श्री हरि विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं और फिर लगभग चार माह बाद तुला राशि में सूर्य के जाने पर उन्हें उठाया जाता है। उस दिन को देवोत्थानी एकादशी कहा जाता है और इस बीच के अंतराल को ही चातुर्मास कहा गया है तथा इस बीच भगवान शिव सृष्टि का संचालन भर उठाते हैं फलस्वरुप इस दरम्यान भोलेनाथ की पूजा, अर्चना अभिषेक के साथ शिवपुराण की कथा विशेष रूप से आयोजित की जाती है।
इसी प्रकार मुहर्रम का शोक पर्व मुस्लिम समुदाय का एक धार्मिक कार्य है। इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम का स्मरण आता है। यह पर्व करबला की लड़ाई की सालगिरह है, जब हजरत इमाम हुसैन को परिवार सहित दूसरे उमाय्याद खलीफ ने कर्बला की लड़ाई में शहीद कर दिया था। जिसके याद में सालाना शोक आशुरा के दिन के रूप में, शिया सांप्रदायिक पहचान नजर आता है।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने जहां देवशयनी एकादशी पर राधाकृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना कर सनातनियों को बधाई देते हुए सर्व समाज के लिए मंगल कामनाएं की।