हत्यारे प्रेमी प्रेमिका को आजीवन कारावास की सजा

सक्ती – सक्ती न्यायालयीन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना ग्राम गुजियाबोड थाना हसौद की है दिनांक 27 /3 /2023 के रात्रि के समय गणेशराम साहू की पत्नी आरोपियां चानेश्वरी साहू एवं उसके प्रेमी पड़ोसी प्रमोद साहू को गणेशाराम ने अपने घर में संबंध बनाते देख लिया था ,तब गणेशाराम साहू ने अपनी पत्नी चानेश्वरी साहू एवं उसके प्रेमी प्रमोद साहू को गाली गलौज करने लगा तब अभियुक्तगण चानेश्वरी साहू एवं प्रमोद साहू ने मिलकर गणेश राम को बरामदा में उसके हाथ पांव को पकड़ कर तखत के ऊपर लेटाकर उसके ऊपर चढ़कर गमछे को गले में लपेटकर गला घोट दिया जिससे गणेश राम मर गया एवं घटना की जानकारी किसी को न हो सोचकर अभियुक्तगण ने रात्रि में सुनसान होने पर करीब12-00 ,12-30 बजे गणेश राम के शव को उठाकर सोन नदी के पानी में लेजाकर फेंक दिए एवं उसके मोबाइल को भी नदी में फेंक दिए तथा वहां से दोनों घर वापस आ गए, घर जाकर गमछा को घर में छुपा दिए एवं छोटा मोबाइल व सिम को एक छोटे से संब्बल में तोड़कर जला दिए एवं उसके राख को नाली में बहा दिए अभियुक्तगण के द्वारा वास्तविक तथ्य को छिपाकर मृतक की गुम होने की मिथ्या सूचना देकर थाना हसौद में गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराया थाना हसौद द्वारा विवेचना उपरांत अभियुक्त प्रमोद साहू एवं मृतक की पत्नी चानेश्वरी साहू के विरुद्ध धारा 302 ,201 ,203 34भारतीय दंड संहिता का अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जैजैपुर के समक्ष ,चालान प्रस्तुत किया ,उपारपण पश्चात माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शक्ति ने अभियुक्त गण के विरुद्ध आरोप तय कर प्रकरण में विचारण प्रारंभ किया , अभियोजन द्वारा अपने पक्ष के समर्थन में कुल 15 गवाहो का परीक्षण कराया गया ।विचारण उपरांत माननीय न्यायालय के पीठासीन अधिकारी श्री बी. आर. साहू के द्वारा फैसला सुनाते हुए मृतक की पत्नी चानेश्वरी साहू एवं उसके पड़ोसी प्रेमी प्रमोद साहू को मृतक गणेशराम के हत्या के अपराध का दोषी पाया तथा निर्णय दिनांक 29/6/2024 को अभियुक्त प्रमोद साहू को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 सहपठित धारा 34 के अपराध में आजीवन कारावास और ₹2000 का जुर्माना तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 201 सहपठित धारा 34 के अपराध में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1000 जुर्माना से दंडित किया गया एवं अभियुक्ता चानेश्वरी साहू को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 सहपठित धारा 34 के अपराध के लिए आजीवन कारावास और ₹2000 जुर्माना से तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 201 सहपठित धारा 34 के लिए 3 वर्षों का सश्रम कारावास एवं ₹1000 जुर्माना तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 203 के लिए एक वर्ष का सश्रम कारावास से दंडित किया गया ।अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक/शासकीय अधिवक्ता श्री दुर्गा प्रसाद साहू ने प्रकरण में पैरवी किया ।