सक्ती

केन्द्र सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा रियासतकालीन सक्ती रेलवे स्टेशन

मूलभूत और बुनियादी सुविधाओं का अभाव होने से मुसाफिर हो रहे परेशान, रेलवे प्रबंधन की घोर लापरवाही का खामियाजा उठा रहे बुजुर्ग व दिव्यांग यात्री, प्लेटफार्म-1 से 2 तक जाने में फूल रहा दम

सक्ती – रियासतकालीन सक्ती रेल्वे स्टेशन अब केन्द्र सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। इसका जीता जागता प्रमाण है यहां मूलभूत व बुनियादी सुविधाओं का अभाव, जिसने यहां से यात्रा करने वाले मुसाफिरों को हलाकान कर रखा है। बुजुर्ग व दिव्यांग यात्रियों को प्लेटफार्म 1 से 2 तक पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, जो रेल प्रबंधन की घोर लापरवाही को उजागर करती है।
सक्ती रेलवे स्टेशन में सुविधा संसाधन के नाम पर कुछ भी नहीं है। ऐसे में रेल्वे को सर्वाधिक कमाई देने वाले सक्ती रेल्वे स्टेशन के सौंदर्यीकरण को लेकर क्षेत्रीय जनता मुखर हो रही है। वर्तमान में यहां शेड की कमी होने से खुले आसमान के नीचे यात्रीगण अपनी गाडिय़ों का इंतजार करते देखे जा रहे हैं। यहां जो नया एफओबी बनाया गया है वह अत्यधिक तकलीफदेह है। रेल्वे प्रबंधन की इस लापरवाही से बुजुर्ग व दिव्यांग यात्री प्लेटफार्म 1 से प्लेटफार्म 2 तक जाने के लिए अत्यधिक तकलीफ उठा रहे है। मुसाफिर सीढ़ी चढक़र जैसे तैसे पहुंचते हैं।
प्लेटफार्म में फैली गंदगी ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को दिखा रही ठेंगा
एक तरफ भारत सरकार स्वच्छता अभियान पर जोर दे रही है, जबकि जिला मुख्यालय सक्ती के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के आसपास फैली गंदगी इसकी धज्जियां उड़ाती दिख रही है। वही देर रात यहां शराबियों के जमावड़े से यात्री अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वही शौचालय व मूत्रालय से उठ रही बदबू से कोई उसका उपयोग नहीं करना चाहता वही पेयजल के लिए यात्रियों को भटकना पड़ रहा है।

सांसद कमलेश जांगड़े से बढ़ी उम्मीदें, रेल्वे स्टेशन का होगा कायाकल्प

नव निर्वाचित सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े स्थानीय है और केन्द्र की भाजपा सरकार की सदस्य हैं ऐसे में अब क्षेत्रीय जनता को उनसे उम्मीदें बढ़ गयी है कि उनके द्वारा पहल की जायेगी और सक्ती रेल्वे स्टेशन का कायाकल्प कराया जायेगा। माना जा रहा है कि सक्ती रेल्वे स्टेशन में यात्री सुविधाओं को लेकर सांसद कमलेश जांगड़े अवश्य ही गंभीर पहल करेंगी।
सक्ती रेलवे स्टेशन में सुविधा संसाधन के नाम पर कुछ भी नहीं है। ऐसे में रेल्वे को सर्वाधिक कमाई देने वाले सक्ती रेल्वे स्टेशन के सौंदर्यीकरण को लेकर क्षेत्रीय जनता मुखर हो रही है। वर्तमान में यहां शेड की कमी होने से खुले आसमान के नीचे यात्रीगण अपनी गाडिय़ों का इंतजार करते देखे जा रहे हैं। यहां जो नया एफओबी बनाया गया है वह अत्यधिक तकलीफदेह है। रेल्वे प्रबंधन की इस लापरवाही से बुजुर्ग व दिव्यांग यात्री प्लेटफार्म 1 से प्लेटफार्म 2 तक जाने के लिए अत्यधिक तकलीफ उठा रहे है। मुसाफिर सीढ़ी चढक़र जैसे तैसे पहुंचते हैं।