सक्ती

शिक्षाविद, किसान हित संरक्षक व संघर्षों के लिए चिर परिचित नारायण गबेल का निधन

विभिन्न संगठनों ने व्यक्त किया शोक

सक्ती – सक्ती अंचल के ग्राम जाजंग के मूल निवासी सेवानिवृत शिक्षक, किसान नेता व जुझारु व्यक्तित्व के धनी नारायण गबेल के निधन का समाचार मिलते ही गांव से नगर तक शोक की लहर व्याप्त हो गई। सभी संगठनों ने स्व नारायण गबेल के आत्मा की शांति एवम् सद्गति की प्रार्थना की तथा उनके भरे पूरे परिवार को इस आघात को सहन करने संवेदनाएं व्यक्त की गई।
विदित हो कि संस्कृत के शिक्षक नारायण गबेल शुरु से ही जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे। इस संबध में अपना संस्मरण सुनाते हुए उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने बताया कि जब हम विद्यार्थी परिषद संगठन की ओर से पुत्री शाला (सदर कन्या स्कूल) के हरे‌ भरे वृक्षों की कटाई का विरोध कर रहे थे, परंतु तत्कालीन विधायक राजा साहब के लोग पेड़ो की कटाई पर उतारू थे तब शिक्षक संघ के नेता के रूप में हमारा समर्थन करते हुए पेड़ों से वे पेड़ों से चिपक कर पेड़ों को कटने से बचाया तो वहीं किसान संघ के पदाधिकारी के रूप में हम लोगों ने उनके साथ मिलकर ९० के दशक में मवेशी बाजारों में जारी अवैध वसूली के खिलाफ आवाज बुलंद कर किसानों को राहत दिलाई थी।अधिवक्ता चितरंजय ने आगे बताया कि छात्र जीवन से लेकर उनके मृत्यु पर्यन्त उनके साथ में शिक्षक संघ, किसान संघ, सरस्वती शिशु मंदिर आदि संगठन में काम करते हुए बहुत कुछ सीखने को मिला फलस्वरूप उन पलों का स्मरण करते हुए अधिवक्ता चितरंजय ने उनके निधन को समाज के साथ अपने लिए व्यक्तिगत क्षति बताया।
निश्चित ही समाज ने नारायण गबेल के रुप में अन्याय के खिलाफ सदा संघर्षशील योद्धा की दिया है । स्व नारायण गबेल कांग्रेस नेता साधेश्वर प्रसाद गबेल,वेणु प्रकाश गबेल एवं राजेश गबेल (पुष्पा जनरल स्टोर) के पूज्य पिताजी थे जो एक भरा पूरा परिवार छोड़ परमधाम को गमन कर गए जहां उनके अंतिम संस्कार में लोग शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया।